Pope Francis: कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का आज सुबह 7:35 बजे निधन हो गया. वे 88 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से निमोनिया और एनीमिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे. वेटिकन के अनुसार, उनका इलाज रोम के एक अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
पोप फ्रांसिस न केवल धार्मिक नेतृत्व के प्रतीक थे, बल्कि वे एक समाज सुधारक के रूप में भी पहचाने जाते थे. वे पहले गैर-यूरोपीय पोप थे जो अर्जेंटीना से थे और एक जेसुइट पादरी के रूप में साधारण जीवन जीते हुए वेटिकन की सर्वोच्च गद्दी तक पहुंचे.
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने समलैंगिकता, पुनर्विवाह, और चर्च में यौन शोषण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बात की और कई बार पारंपरिक सोच को चुनौती दी. उनकी साफगोई, विनम्रता और सेवा की भावना ने उन्हें दुनियाभर के करोड़ों लोगों का प्रिय बना दिया.
आज उनके निधन से 1.4 अरब से अधिक कैथोलिक अनुयायियों के साथ-साथ पूरी दुनिया में शोक की लहर है.
पोप फ्रांसिस का जीवन और योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा. उनके मानवीय मूल्यों, न्याय और समानता के लिए उठाए गए कदमों को हमेशा याद रखा जाएगा.
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