अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती साख के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को घाना की राजधानी अक्रा में दिखाई दिया. यहां पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया. यह सम्मान विदेशी नेताओं को बहुत कम मिलता है. यह भारत-घाना के मजबूत रिश्तों को दर्शाता है.
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यह किसी भारतीय पीएम की 30 साल बाद घाना यात्रा है. इससे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को गहरा दिया है. घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत और घाना का रिश्ता सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की नींव पर मौजूद है. यह सम्मान भारत की जनता के लिए गर्व की बात है.”
pm modi awarded Photograph: (social media)
विकास की साझा यात्रा पर खास जोर दिया
उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और विकास की साझा यात्रा पर खास जोर दिया. पीएम मोदी को अब तक 24 देशों से सर्वोच्च सम्मान मिले हैं. ये किसी भी भारतीय नेता के लिए रिकॉर्ड है. इनमें रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रू’, यूएई का ‘जायद मेडल’, फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’, मालदीव का ‘रूल ऑफ इज्जुद्दीन’ और नाइजीरिया, साइप्रस, फिजी जैसे देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं.
भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है
संयुक्त राष्ट्र ने भी उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से सम्मानित किया था. ये सम्मान मात्र एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को अपनाते हुए वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती दी है. उनकी विदेश यात्राएं नए व्यापारिक अवसर, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का जरिया हैं. घाना का यह सम्मान भारत की वैश्विक अगुवाई की भूमिका को दर्शाता है. पीएम मोदी ने न केवल भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप स्थापित किया है, बल्कि वे विकासशील देशों के लिए के लिए प्रेरणा स्वरूप बन गए. उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद और प्रभावशाली साझेदार बनाया. यह सम्मान भारत के उभरते कद और विश्वास की गवाही देता है. आने वाले समय देश और सशक्त होने वाला है.