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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में इन दिनों बड़े पैमाने पर उठापटक देखने को मिल रही है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार-रोधी अभियान के तहत हाल ही में चार शीर्ष जनरलों को चीन की संसद (नेशनल पीपुल्स कांग्रेस) से बाहर कर दिया गया। यह कदम न सिर्फ PLA में व्याप्त गहरे भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शी जिनपिंग किस तरह सेना पर अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
चार शीर्ष जनरल हटाए गए
12 सितंबर 2025 को NPC की स्थायी समिति ने चार वरिष्ठ जनरलों को उनके विधायी पदों से हटाने का ऐलान किया। इनमें शामिल हैं:
- वांग चुनिंग – पीपुल्स आर्म्ड पुलिस के कमांडर और पूर्ण जनरल
- 2. वांग झिबिन – रॉकेट फोर्स के अनुशासन प्रमुख
- झांग लिन – केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के लॉजिस्टिक्स सपोर्ट विभाग के प्रमुख
- गाओ दागुआंग – CMC की संयुक्त लॉजिस्टिक्स सपोर्ट फोर्स के राजनीतिक आयुक्त
इन पदों से हटाए गए अधिकारियों के जिम्मे चीन की सामरिक मिसाइल फोर्स, सैन्य अनुशासन और लॉजिस्टिक्स जैसी अहम जिम्मेदारियां थीं। ऐसे में इनकी बर्खास्तगी PLA की उच्चस्तरीय कमान में गहरी हलचल मचा रही है।
माओ काल के बाद सबसे बड़ी सैन्य सफाई
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम माओ जेडोंग के दौर के बाद PLA में सबसे बड़ी सैन्य सफाई है। 2012 में सत्ता संभालने के बाद से ही शी जिनपिंग भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। 2014-16 के बीच एक बड़ा अभियान चला था, और अब 2023 से इसकी दूसरी लहर और भी तेज़ और व्यापक रूप में सामने आई है।
इस बार निशाने पर शी जिनपिंग के अपने भरोसेमंद अफसर भी आए। केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष हे वेइदोंग की अचानक गुमशुदगी ने बीजिंग तक को हिला दिया। रक्षा मंत्री रहे वेई फेंगहे और ली शांगफु भी भ्रष्टाचार के मामलों में पदच्युत हो चुके हैं।
भ्रष्टाचार से लड़ाकू क्षमता पर असर
PLA में भ्रष्टाचार केवल धन या खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सैन्य तैयारी और युद्धक क्षमता पर सीधा असर डालता है। रॉकेट फोर्स और उपकरण विकास विभाग में हुई गड़बड़ियों से चीन की सामरिक क्षमता को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
वफादारी सुनिश्चित करने की कवायद
शी जिनपिंग ने बार-बार कहा है कि भ्रष्टाचार पार्टी की पकड़ को कमजोर करता है। इसी कारण अब सेना में राजनीतिक आयुक्तों की अदला-बदली और सख्त निगरानी की नीति अपनाई जा रही है। हाल ही में नौसेना के राजनीतिक आयुक्त एडमिरल युआन हुआझी की जगह थलसेना के अधिकारी वाइस एडमिरल लेंग शाओजिये की नियुक्ति इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
2027 तक "युद्ध-तैयार PLA" का लक्ष्य
शी जिनपिंग ने 2027 तक PLA को पूरी तरह आधुनिक और युद्ध के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि रक्षा बजट 2023 में 292 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है और तकनीकी प्रगति भी हो रही है, लेकिन इस तरह की उठापटक और कमान संकट ने सेना की कार्यक्षमता पर संदेह खड़ा कर दिया है।
PLA में जारी यह सफाई अभियान भ्रष्टाचार के खिलाफ जितना है, उतना ही सत्ता पर शी जिनपिंग की पकड़ मजबूत करने का भी प्रयास है। परंतु यह सैन्य नेतृत्व की स्थिरता और चीन की क्षेत्रीय सुरक्षा रणनीति के लिए गंभीर सवाल भी खड़े करता है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि क्या PLA भ्रष्टाचार की जकड़न से निकलकर 2027 तक शी जिनपिंग की "युद्ध-तैयार सेना" की परिकल्पना को साकार कर पाएगी।