गधा एक ऐसा जानवर है, जो हमेशा मजाक का ही पात्र बना है. गधा सामान ढोने वाला एक ऐसा जानवर है, जो अपने मालिक पर पूरी तरह से निर्भर है. गधा एक ऐसा जानवर है, जो अपने दिमाग का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करता है. भारत में आमतौर पर गधों का इस्तेमाल माल की ढुलाई के लिए होता है. गधों का इस्तेमाल भारत में ईंटों के भट्टों से लेकर कपड़ों की सफाई करने वाले धोबीघाटों पर बड़ी संख्या होता है.
पाकिस्तान में 15 गुना बढ़ी गधों की कीमत
क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तानी गधों की मांग इन दिनों बढ़ गई है. इस वजह से पाकिस्तान में गधों की कीमतों में बंपर इजाफा हुआ है. पाकिस्तान में दो-तीन साल पहले तक जिन गधों की कीमतें 20 हजार रुपये होती थी. उन्हीं गधों की कीमत अब बढ़कर तीन लाख रुपये पहुंच चुकी है. पाकिस्तान के सिर्फ एक ही इलाके में गधों की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है. बल्कि पूरे पाकिस्तान में गधों की कीमतों में उछाल आया है.
पाकिस्तान में अचानक गधों की कीमतों में इजाफा होने का असल कारण चीन है. चीन में पाकिस्तानी गधों की डिमांड अचानक से बढ़ गई है. डिमांड बढ़ने की वजह से कीमतें तो अपने आप बढ़ने लगी है. ऐसे में सवाल आता है कि आखिर चीन में पाकिस्तानी गधों की डिमांड क्यों बढ़ गई है. आइये जानते हैं.
गधों का ये इस्तेमाल करता है चीन
चीन में पाकिस्तानी गधों की डिमांड बढ़ने का सबसे कारण चीन की ईझियाओ इंडस्ट्री है. ईझियाओ एक ऐसा जिलेटिन है, जिसका उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता है. गधे की खाल को उबालकर और उसे गाढ़ा करके जिलेटिन को बनाया जाता है. इसका इस्तेमाल थकान दूर करने के साथ-साथ ट्यूमन और एनीमिया जैसी बीमारियों में किया जाता है. चीन के पारंपरिक दवाखानों में इस जिलेटिन का प्रयोग बहुत बड़ी संख्या में होता है.
खास बात है कि इन गधों का काटने से लेकर उनका खाल उतारने का अधिकांश काम पाकिस्तान में ही होता है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में इसे लेकर बूचड़खाना भी खोला गया है.