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गाजा में चल रहे युद्ध को लेकर पाकिस्तान सरकार फंस गई है. एक ओर अमेरिका में पाक पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय प्रस्ताव पर हामी भरी है. वहीं दूसरी ओर पाक की संसद में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि गाजा में चल रहा इजरायल का युद्ध खत्म करने के लिए ट्रंप ने जो प्रस्ताव को पेश किया है, ये मुस्मिल देशों के तैयार किए गए प्रस्ताव से मेल नहीं खाता है.
शरीफ सरकार लोगों के गुस्से का शिकार
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ समेत अन्य मुस्लिम देशों के नेताओं ने जिस प्रस्ताव का समर्थन किया था, उसे बदला गया है. यह पुराने वाले से बिल्कुल अगल है. डार का बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब गाजा पीस प्लान के प्रस्ताव को समर्थन देने के लिए शहबाज शरीफ सरकार लोगों के गुस्से का शिकार हुई है. लोगों के गुस्से के बीच अपना बचाव करते हुए डार ने कहा, 'मैने साफ किया है कि ये 20 बिंदु, जिन्हें ट्रंप ने सार्वजनिक किया, ये हमारे नहीं हैं. ये हमारे ड्राफ्ट से बिल्कुल मेल नहीं खाते हैं. इसमें कुछ बदलाव किया गया है.'
जबरन विस्थापन खत्म करना जरूरी
आपको बता दें कि बीते हफ्ते की शुरुआत में टीवी इंटरव्यू में भी डार ने गाजा पीस प्लान पर कहा गया था कि अमेरिका की पहल है, पाकिस्तान की तरफ से तैयार किया गया ड्राफ्ट नहीं है. उन्होंने कहा,'यह हमारा डॉक्यूमेंट नहीं, स्वीकार नहीं करेंगे. कुछ अहम बिंदुओं पर हम असहमत हैं. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं होता, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.' डार के अनुसार पाकिस्तान की प्राथमिकताओं में गाजा में तुरंत संघर्षविराम है. इसके साथ खून-खराबा रुकने के साथ मानवीय सहायता की सप्लाई सुनिश्चित हो. जबरन विस्थापन खत्म करना जरूरी है.
पूरे पाकिस्तान में पीएम शरीफ के ट्रंप प्रस्ताव के समर्थन को लेकर गुस्सा भड़क रहा है. प्रस्ताव में युद्धविराम के 72 घंटे के अंदर सभी बंधकों की वापसी की बात कही गई है. प्रधानमंत्री शरीफ ने ट्रंप के गाजा पीस प्लान का समर्थन करते हुए ट्वीट किया था,'मेरा पूरा भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मौके पर समझौते को हकीकत में बदलने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार हैं.'