एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर पुराना राग अलापा है. "कश्मीर एकजुटता दिवस" पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र से किए वादों को पूरा करना चाहिए. इसके लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए. आपको बता दें की 'कश्मीर एकजुटता दिवस' एक वार्षिक पाकिस्तानी कार्यक्रम है. यह कश्मीरियों के प्रति समर्थन दिखाने को लेकर आयोजित किया जाता है. शरीफ ने कहा, "हम चाहते हैं कि कश्मीर समेत सभी मुद्दे बातचीत से हल हो."
पाकिस्तानी पीएम ने कहा,'भारत को 5 अगस्त 2019 की सोच से बाहर आकर यूएन से किए वादे पूरे करने चाहिए और बातचीत की शुरुआत करनी चाहिए.' उनकी इस टिप्पणी को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के संदर्भ में देखा जा रहा है. इसने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीन लिया. राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया.
शांति ही विकास का रास्ता है
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता 'संवाद' है. विशेष रूप से भारत ने भी बार-बार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण में सामान्य संबंध चाहता है. नई दिल्ली ने पाकिस्तान से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख "राष्ट्र का अहम भाग है और हमेशा रहेंगे". अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में गिरावट आ चुकी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत पर हथियार जमा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हथियारों को एकत्र करने से शांति नहीं आने वाली है या कश्मीर के लोगों के भाग्य में बदलाव नहीं आने वाला है.
शहबाज ने कहा, "पाकिस्तान कश्मीरी लोगों को उनके आत्मनिर्णय के अधिकार का एहसास होने तक अपना अटूट नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन देना जारी रखेगा." उन्होंने कहा, "कश्मीर मुद्दे का एकमात्र समाधान यूएनएससी प्रस्ताव के तहत आत्मनिर्णय का अधिकार है."