इस्लामाबाद में चायवाला अरशद खान कभी इंटरनेट पर छा गए थे, उन्हें अब कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वह एक पाकिस्तानी नागरिक के रूप में अपनी पहचान को लेकर लड़ रहे हैं. उन्हें जल्द अफगानिस्तान निर्वासित किए जाने का डर सताने लगा है. एक समय था जब आकर्षक नीली आंखों वाले इस चायवाले की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई थीं. उन्हें पूरे विश्व में लोकप्रियता मिली थी.
पासपोर्ट को ब्लॉक कर दिया है
हालांकि 25 वर्षीय युवक को अब अपना अधिकतर समय स्थानीय अदालतों में बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.अधिकारियों ने उसके राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईसी) और पाकिस्तानी पासपोर्ट को ब्लॉक कर दिया है. खान ने अपने एनआईसी और पासपोर्ट को ब्लॉक किए जाने को लेकर लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ में चुनौती दी है. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. दरअसल, पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस एवं पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) ने जवाब दाखिल कर खुफिया एजेंसियों से मामले की पूरी जांच कराने के लिए और समय मांगा है.
पाकिस्तानी नागरिक होने का कोई कानूनी सबूत नहीं
इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने जानकारी दी कि अरशद खान उर्फ चायवाला एक अफगान नागरिक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अफगानिस्तान में जन्मे थे. उनके पास पाकिस्तानी नागरिक होने का कोई कानूनी सबूत नहीं है. दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया कि कोई भी विदेशी नागरिक सीएनआईसी या पासपोर्ट जैसे पाकिस्तानी पहचान दस्तावेजों को रखने या उनसे लाभ उठाने का हक नहीं रखता है. इसके अलावा, एनएडीआरए अफसरों ने कहा कि अरशद खान 1978 से पहले पाकिस्तान में अपनी पहचान, जन्म, निवास या संपत्ति के स्वामित्व का सबूत देने में सफल नहीं रहे हैं.
प्रतिष्ठा पर काफी असर हुआ
एनएडीआरए के अधिकारियों का कहना है कि कोई सबूत न होने पर अरशद खान का सीएनआईसी और पासपोर्ट रद्द किया गया है. अरशद को कानूनी नोटिस भी जारी किया गया है. इसमें पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश हैं. अरशद खान की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे इस्लामाबाद में चाय बेचते रहे हैं. उनकी ओर से दलील दी गई कि उनके पहचान दस्तावेजों को रद्द करने से उनकी प्रतिष्ठा पर काफी असर हुआ है.