Pakistan Flood: पाकिस्तान में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते बाढ़ आ गई है. इस बाढ़ में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बीते 24 घंटों के दौरान पाकिस्तान के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है. जिसके चलते कम से कम 13 लोगों की जान गई है. देश के कई इलाकों में इनदिनों मानसून का कहर देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान में 26 जून से लेकर अब तक हुई भारी बारिश के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 216 हो गई है. जबकि 580 लोग घायल हुए हैं.
बाढ़ के चलते कई मकान धराशायी
स्थानीय मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में इनदिनों जमकर मानसूनी बारिश हो रही है. जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जिससे कई इमारतें ढह गई हैं. सबसे ज्यादा मौते कमजोर घरों की छतें गिरने की वजह से हुई हैं. एनडीएमए ने कहा कि ज्यादातर लोगों की जान ढहे हुए घरों, अचानक आई बाढ़, बिजली गिरने और बाढ़ के पानी में डूबने और भूस्खलन के चलते हुई हैं.
मरने वालों में 100 से ज्यादा बच्चे
आपदा प्रबंधन प्रहरी के मुताबिक, मरने वालों में 12 लोग पंजाब के हैं. जबकि खैबर पख्तूनख्वा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. पीड़ितों में चार बच्चे और तीन महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में अब तक 101 बच्चों की मौत हो चुकी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि, बारिश का मौसम शुरू होने के बाद असुरक्षित इमारतों में रहने वाले कई परिवारों के पास बचने की बहुत कम संभावना थी. एनडीएमए ने एक बयान में कहा कि बारिश शुरू होने के बाद से लगभग 800 घर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं. इसके साथ ही बाढ़ में पशुधन का भी नुकसान हुआ है. इस बाढ़ में करीब 200 जानवरों की जान गई है.
पाकिस्तान में हर साल आती है मानसून में बाढ़
ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्रों में ग्लेशियर झील के फटने से बाढ़ आने की भी आशंका बढ़ गई है. बता दें कि जलवायु परिवर्तन, बारिश और बाढ़ के लिए पाकिस्तान के ये इलाके संवेदनशीलता हैं. इस इलाके में 2022 में आई बाढ़ में 1,700 से ज्यादा लोगों की जा गई थी. जबकि लाखों लोगों को इलाके से विस्थापित करना पड़ा था.
इस बाढ़ में कई जल प्रणालियां भी नष्ट हो गई थीं. जिससे पाकिस्तान को लगभग चार हजार करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था. बता दें कि पाकिस्तान में जून से सितंबर तक मानसून अपने चरम पर होता है जिसके चलते यहां अक्सर बाढ़ आ जाती है.