पाकिस्तान में एक बार फिर पोलियो टीकाकरण टीम पर हमला हुआ है. यह मामला पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले में हुआ. यहां पर एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. बाजौर की पुलिस के अनुसार, मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने पोलियो टीकाकरण टीम पर अटैक कर दिया. यह टीम बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए घर-घर जा रही थी. इस दौरान पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी को गोली मार दी गई. हमलावर मौके से फरार हैं. बाजौर जिला, अफगानिस्तान की सीमा से सटा इलाका है. यह सीमा से लगा एक अशांत क्षेत्र है, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के गढ़ों में से एक रहा है. यह आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बीच युद्ध का मैदान रहा है.
इस इलाके में पोलियो कार्यकर्ताओं, सुरक्षा बलों और उनके समर्थकों को नियमित रूप से आतंकवादियों ने निशाना बनाया जाता रहा है. क्षेत्र के निवासियों ने पोलियों टीकाकरण अभियान का बहिष्कार कर रखा है. आतंकवादी समूहों ने खुलेआम धमकी दी है कि अगर उन्होंने पोलियो कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में काम करने दिया तो उन्हें गंभीर परिणाम को भुगतना होगा.
200 से ज्यादा पोलियो कार्यकर्ताओं की हत्या
अन्य मामलों की बात की जाए तो इसी माह की शुरुआत में, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले जमरूद में पोलियो कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान में बीते कुछ दशकों में सैकड़ों पोलियो कार्यकर्ताओं आतंकवादियों का निशाना बने. एक आंकड़ों के अनुसार, 1990 के दशक से देश में अब तक 200 से ज्यादा पोलियो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है.
2024 में पाकिस्तान में पोलियों के 73 मामले सामने आए
विभिन्न आतंकवादी समूहों ने पोलियो टीकाकरण अभियान को गलत बताया है. उनका कहना है की यह पश्चिमी साजिश का हिस्सा है. पाकिस्तान दशकों से पोलियो वायरस को खत्म करने के लिए संघर्ष कर रहा है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के दो ऐसे देश हैं, जहां पर पोलियो के मामले आज भी सामने आते रहते हैं. साल 2024 में पाकिस्तान में पोलियों के 73 मामले सामने आए है. इनमें से 27 मामले बलूचिस्तान से हैं. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने 2 फरवरी को वर्ष के पहले पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत की. इसका लक्ष्य पांच वर्ष से कम आयु के 44.2 मिलियन बच्चों का टीककरण करना था.