पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का ठिकाना नहीं पता है. अगर भारत ये जानकारी दे दे तो अजहर पाकिस्तान में कहां है उसे गिरफ्तार करने में हमें बहुत खुशी होगी.
हाफिज सईद आजाद नहीं है
मसूद अजहर भारत में मॉस्ट वॉन्टेंड करार किया गया है. वह 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा जैसे आतंकी हमलों में शामिल रहा है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था. बिलावल ने हाल ही में एक विदेशी चैनल को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद आजाद नहीं है. हाफिज सईद आजाद आजाद है, ये गलत जानकारी है. वह पाकिस्तान की हिरासत में है.
अजहर शायद अफगानिस्तान में होगा- बिलावल भुट्टो
बिलावल ने कहा कि हमें नहीं पता कि मसूद अजहर कहां है. हमें लगता है कि वह क्या पता अफगानिस्तान में हो. अगर भारत की सरकार हमें बताए कि अजहर पाकिस्तान में है तो उसे गिरफ्तार करने के लिए हम तैयार है. लेकिन भारत ऐसा कर ही नहीं रहा है. बिलावल ने कहा कि आतंकवाद रोकने के लिए देश एक-दूसरे से जानकारी शेयर करते हैं. लंदन, न्यूयॉर्क और पाकिस्तान में हमलों को रोकने के लिए हमने ऐसा किया है. मसूद अजहर अफगानिस्तान में है तो नाटो भी उसे नहीं पकड़ पाया. पाकिस्तान के लिए तो ये नामुमकिन है.
ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था अजहर का परिवार
बता दें, दो महीने पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इसी हमले में मसूद अजहर के 10 परिजन और चार सहयोगियों की मौत हो गई थी. अजहर की पत्नी, पांच बच्चे, बहन, बहन का पति, भतीजा और भतीजी की जान चली गई थी. परिजनों की मौत से अजहर बहुत निराश हुआ था. उसने कहा था कि काश इन हमलों में मैं भी मर गया होता. परिजनों के अलावा, मसूद के तीन करीबी सहयोगियों की जान भी चली गई थी. सहयोगी की मां की मौत भी हो गई थी.
ये खबर भी पढ़ें- Operation Sindoor: आतंकी मसूद अजहर की पत्नी-बेटे और भाई की मौत, भारत के हमले में 14 परिजनों की मौत
Pakistan: ‘मसूद अजहर को गिरफ्तार करने में पाकिस्तान को खुशी होगी’, जानें बिलावल भुट्टों ने क्यों कही ऐसी बात
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री का कहना है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है. अगर भारत हमें उसके बारे में बताए तो उसे गिरफ्तार करने में हमें बहुत खुशी होगी.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री का कहना है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है. अगर भारत हमें उसके बारे में बताए तो उसे गिरफ्तार करने में हमें बहुत खुशी होगी.
Bilawal Bhutto
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का ठिकाना नहीं पता है. अगर भारत ये जानकारी दे दे तो अजहर पाकिस्तान में कहां है उसे गिरफ्तार करने में हमें बहुत खुशी होगी.
हाफिज सईद आजाद नहीं है
मसूद अजहर भारत में मॉस्ट वॉन्टेंड करार किया गया है. वह 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा जैसे आतंकी हमलों में शामिल रहा है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था. बिलावल ने हाल ही में एक विदेशी चैनल को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद आजाद नहीं है. हाफिज सईद आजाद आजाद है, ये गलत जानकारी है. वह पाकिस्तान की हिरासत में है.
अजहर शायद अफगानिस्तान में होगा- बिलावल भुट्टो
बिलावल ने कहा कि हमें नहीं पता कि मसूद अजहर कहां है. हमें लगता है कि वह क्या पता अफगानिस्तान में हो. अगर भारत की सरकार हमें बताए कि अजहर पाकिस्तान में है तो उसे गिरफ्तार करने के लिए हम तैयार है. लेकिन भारत ऐसा कर ही नहीं रहा है. बिलावल ने कहा कि आतंकवाद रोकने के लिए देश एक-दूसरे से जानकारी शेयर करते हैं. लंदन, न्यूयॉर्क और पाकिस्तान में हमलों को रोकने के लिए हमने ऐसा किया है. मसूद अजहर अफगानिस्तान में है तो नाटो भी उसे नहीं पकड़ पाया. पाकिस्तान के लिए तो ये नामुमकिन है.
ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था अजहर का परिवार
बता दें, दो महीने पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इसी हमले में मसूद अजहर के 10 परिजन और चार सहयोगियों की मौत हो गई थी. अजहर की पत्नी, पांच बच्चे, बहन, बहन का पति, भतीजा और भतीजी की जान चली गई थी. परिजनों की मौत से अजहर बहुत निराश हुआ था. उसने कहा था कि काश इन हमलों में मैं भी मर गया होता. परिजनों के अलावा, मसूद के तीन करीबी सहयोगियों की जान भी चली गई थी. सहयोगी की मां की मौत भी हो गई थी.
ये खबर भी पढ़ें- Operation Sindoor: आतंकी मसूद अजहर की पत्नी-बेटे और भाई की मौत, भारत के हमले में 14 परिजनों की मौत