पाकिस्तान विकसित कर रहा है न्यूक्लियर-टिप्ड इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल

पाकिस्तानी सेना एक नई रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित करने पर काम कर रही है, जिसे न्यूक्लियर वारहेड से लैस किया जा सके और जो संयुक्त राज्य अमेरिका तक की दूरी तय कर स

पाकिस्तानी सेना एक नई रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित करने पर काम कर रही है, जिसे न्यूक्लियर वारहेड से लैस किया जा सके और जो संयुक्त राज्य अमेरिका तक की दूरी तय कर स

author-image
Ravi Prashant
New Update
_nuclear-tipped intercontinental ballistic missile

न्यूक्लियर-टिप्ड इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल Photograph: (X)

पाकिस्तानी सेना एक नई रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित करने पर काम कर रही है, जिसे न्यूक्लियर वारहेड से लैस किया जा सके और जो संयुक्त राज्य अमेरिका तक की दूरी तय कर सके. यह जानकारी Foreign Affairs की रिपोर्ट में दी गई है, जिसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान इस मिसाइल कार्यक्रम को चीन की मदद से तेजी से आगे बढ़ा रहा है.

Advertisment

विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जिसमें पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर शस्त्रागार को और सुदृढ़ करने की योजना बनाई. ICBM वो मिसाइलें होती हैं, जो 5,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकती हैं और इनसे न्यूक्लियर या पारंपरिक दोनों प्रकार के वारहेड दागे जा सकते हैं. 

अगर हुआ सफलतापूर्वक परीक्षण?

रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अगर पाकिस्तान इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण करता है, तो उसे अमेरिका द्वारा एक न्यूक्लियर प्रतिद्वंदी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. वर्तमान में रूस, चीन और उत्तर कोरिया को ही अमेरिका के न्यूक्लियर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. 

पाकिस्तान कब बना न्यूक्लियर पॉवर

पाकिस्तान का न्यूक्लियर कार्यक्रम 1970 के दशक के शुरुआत में ही शुरू हो गया था, खासकर भारत द्वारा 1974 में पहला न्यूक्लियर परीक्षण करने के बाद. पाकिस्तान 1998 में आधिकारिक रूप से एक न्यूक्लियर शक्ति बन गया, जब उसने छह न्यूक्लियर परीक्षण किए. 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस में भारी निवेश

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान इस मिसाइल के विकास को भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स में हो रही निवेश के खिलाफ एक रणनीतिक कदम के रूप में देख रहा है. पाकिस्तान ने हमेशा अपने न्यूक्लियर शस्त्रागार को भारत की पारंपरिक सैन्य शक्ति के खिलाफ एक प्रतिरक्षा के रूप में देखा है, लेकिन अब इस नई मिसाइल परियोजना से क्षेत्रीय आर्मरी की दौड़ में एक नया मोड़ आ सकता है. 

चीन बैकेंड से कर रहा है काम

पाकिस्तान और चीन का सैन्य सहयोग इस विकास में अहम भूमिका निभा रहा है. हालांकि चीन ने आधिकारिक रूप से पाकिस्तान की ICBM परियोजना का समर्थन नहीं किया है, लेकिन उसकी सैन्य सहायता और आर्थिक निवेशों से पाकिस्तान की रक्षा क्षमता मजबूत हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने पाकिस्तान की मिसाइल परियोजना को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकृति दी है, जो भारत और अमेरिका की सुरक्षा रणनीतियों को और जटिल बना रही है.

INDIA pakistan Ballistic Missile ballistic missiles
Advertisment