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Pakistan 8 million people jobless Photograph: (Freepik)
Pakistan: पाकिस्तान में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और ताजा आंकड़ों ने हालात की गंभीरता को और साफ कर दिया है. अराई न्यूज ने पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) की लेबर फोर्स सर्वे 2024-25 रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि देश में बेरोजगारों की संख्या अब 80 लाख के पार पहुंच गई है. रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर 0.8 प्रतिशत बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई है.
पाकिस्तान की कुल आबादी करीब 24 करोड़ है, जिसमें मजदूरों की संख्या बढ़कर 7.72 करोड़ हो गई है. हैरानी की बात यह है कि 43 प्रतिशत आबादी कामकाजी उम्र में है, लेकिन 53.8 प्रतिशत लोग बेरोजगार या श्रम क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं.
Pakistan: 8 million people remain jobless as unemployment rate jumps to 7.1%
— ANI Digital (@ani_digital) November 26, 2025
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कितना है औसत मासिक वेतन
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि साल 2020-21 में पाकिस्तान में औसत मासिक वेतन 24,028 पाकिस्तानी रुपये था. वर्तमान में पुरुषों की औसत कमाई 39,302 रुपये, जबकि महिलाओं की औसत कमाई 37,347 रुपये बताई गई है. इससे साफ है कि आय बढ़ने की रफ्तार बेहद धीमी है और रोजगार के अवसर सीमित होते जा रहे हैं.
गरीबी घटने के दावों पर भी उठे सवाल
इस बीच, अक्टूबर में विश्व बैंक ने पाकिस्तान की सरकार द्वारा गरीबी घटने के दावे पर सवाल उठाए. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक का कहना है कि गरीबी में कमी के संकेत बहुत सीमित वर्गों तक ही दिख रहे हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में हालात और खराब हुए हैं. बैंक ने कहा कि उसके गरीबी मापने के मॉडल सिर्फ व्यापक ट्रेंड दिखाते हैं, सटीक आंकड़े नहीं.
पिछले वित्त वर्ष में दिखा आर्थिक सुधार
विश्व बैंक के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में थोड़ा आर्थिक सुधार दिखा, जिससे लॉजिस्टिक्स और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों को कुछ लाभ मिला. इसके बावजूद पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक व्यवस्था आम लोगों के जीवन स्तर में स्थायी सुधार लाने में असफल साबित हो रही है. 2015 के बाद से पाकिस्तान की गरीबी कम करने की रफ्तार रुक गई है. कोविड-19 महामारी, 2022 की बाढ़ और रिकॉर्ड महंगाई ने हालात और बिगाड़ दिए.
लगभग 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित
चिंता की बात यह भी है कि पाकिस्तान में लगभग 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित यानी स्टंटेड हैं, जो देश में मानव विकास और सार्वजनिक सेवाओं की खराब स्थिति को दर्शाता है. विश्व बैंक ने कहा कि आने वाले घरेलू सर्वे ही असल गरीबी के ताजा और वास्तविक आंकड़े सामने लाएंगे, जिससे देश की सही सामाजिक-आर्थिक तस्वीर पता चल सकेगी.
यह भी पढ़ें: आंतरिक भ्रष्टाचार से खस्ताहाल हुई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था : रिपोर्ट
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