उत्तर कोरिया बढ़ाना चाहता है अपना परमाणु हथियारों की जखीरा, किम जोंग के ऐलान से मचा हड़कंप

किंग जोंग ने कहा है कि उत्तर कोरिया के चारों ओर की सुरक्षा स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और मौजूदा सैन्य सिद्धांतों और अभ्यास में तेज बदलाव और परमाणु क्षमताओं का विस्तार जरूरी हो गया है.

किंग जोंग ने कहा है कि उत्तर कोरिया के चारों ओर की सुरक्षा स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और मौजूदा सैन्य सिद्धांतों और अभ्यास में तेज बदलाव और परमाणु क्षमताओं का विस्तार जरूरी हो गया है.

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Mohit Sharma
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उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने यह ऐलान किया है कि वो अपने परमाणु हथियारों को और बढ़ाएगा. उसने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुश्मन देशों को जवाब देने के लिए ज्यादा से ज्यादा परमाणु हथियार होने जरूरी हैं. इसीलिए वह अपनी परमाणु ताकत में इजाफा करना चाहता है. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर किम जोंग की रणनीति क्या है और क्यों उसकी इस रणनीति को लेकर कोहराम मचा हुआ है. उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने का ऐलान किया है. किम के इस ऐलान से अमेरिका, यूरोपीय देश और दक्षिण कोरिया सकते में आ गए हैं. किम ने ऐलान किया है कि दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए देश की परमाणु ताकत को तेजी से बढ़ाना जरूरी है.

उत्तर कोरिया के चारों ओर की सुरक्षा स्थिति गंभीर

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किंग जोंग ने कहा है कि उत्तर कोरिया के चारों ओर की सुरक्षा स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और मौजूदा सैन्य सिद्धांतों और अभ्यास में तेज बदलाव और परमाणु क्षमताओं का विस्तार जरूरी हो गया है. जाहिर है इसके पीछे उत्तर कोरिया की रणनीति सुपर पावर अमेरिका को डराने और चिढ़ाने की है. क्योंकि किम जोंग उन अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. अब हम आपको उत्तर कोरिया की उस प्लानिंग के बारे में विस्तार से बताते हैं कि किन की योजना ऐसे हथियार विकसित करना है जो जरूरत पड़ने पर अमेरिका में टारगेट को हिट कर सके. उत्तर कोरिया की पहली प्राथमिकता है ज्यादा से ज्यादा सुपर लार्ज न्यूक्लियर वॉर हेड बनाना. इसके साथ ही उत्तर कोरिया परमाणु पनडुब्बियां और पानी के भीतर प्रक्षेपित किए जाने वाले सामरिक परमाणु हथियार बनाने पर तेजी से काम कर रहा है.

उत्तर कोरिया के पास घातक हथियार

किम जोंग का तीसरा लक्ष्य है हाइपरसोनिक हथियारों का तेजी से विकास. वहीं, उत्तर कोरिया का शासक ठोस ईंधन वाला ऐसा अंतर महाद्वीपीय बैलस्टिक मिसाइल विकसित करने में जुटा है, जिसे पानी के भीतर और जमीन दोनों से लॉंच किया जा सके. किम जोंग 15,000 कि.मी. तक की रेंज वाली ज्यादा से ज्यादा मिसाइलें विकसित करना चाहता है. उत्तर कोरिया वो देश है जो अमेरिका की चेतावनीयों के बावजूद लगातार परमाणु हथियारों का परीक्षण करने में जुटा है. हालांकि अमेरिका सिर्फ उत्तर कोरिया को चेतावनी ही देता रहा है. वह उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता जैसा कि उसने ईरान के खिलाफ किया. दरअसल, किम जोंग से अमेरिका भी खौफ खाता है क्योंकि उसके पास ऐसे घातक हथियार हैं जो अमेरिका तक को निशाना साध सकते हैं.

अमेरिका तक हमला कर सकती है उत्तर कोरिया की मिसाइल

उत्तर कोरिया दावा करता है कि उसके पास तीन इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें हैं जो अमेरिका तक बार कर सकती है. उत्तर कोरिया के पास वांगसोंग 14 मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 10,400 कि.मी. तक है. वहीं उत्तर कोरिया अपने सबसे एडवांस आईसीबीएम हनसोंग 19 की मारक क्षमता 15,000 कि.मी. बताता है. इन मिसाइलों की खास बात यह है कि ये परमाणु बमों को अपने साथ ले जाने में सक्षम है. अमेरिका और उत्तर कोरिया की दूरी 10,367 कि.मी. है. ऐसे में वो उत्तर कोरिया की परमाणु मिसाइल की जद में आ सकता है. अमेरिकी रक्षा अधिकारी भी मानते हैं कि किम जोंग की सेना अमेरिका में कहीं भी हमला करने की क्षमता विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. 

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