Nobel Prize 2025: साहित्य के लिए नोबल प्राइज की घोषणा, हंगरी के लेखक लास्जलो क्रास्नाहोरकाई को मिला पुरस्कार

Nobel Prize 2025: स्वीडिश एकेडमी की ओर से नोबाल पुरस्कारों की घोषणा की जा रही है. इसके तहत  9 अक्टूबर  साहित्य के नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा हुई.

Nobel Prize 2025: स्वीडिश एकेडमी की ओर से नोबाल पुरस्कारों की घोषणा की जा रही है. इसके तहत  9 अक्टूबर  साहित्य के नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा हुई.

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Dheeraj Sharma
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Nobel Prize 2025 for literature

Nobel Prize 2025: स्वीडिश एकेडमी की ओर से नोबाल पुरस्कारों की घोषणा की जा रही है. इसके तहत  9 अक्टूबर  साहित्य के नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा हुई. ये पुरस्कार इस बार हंगरी के जाने माने लेखक के नाम रहा. एकेडमी ने इस बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को दिया है. अवॉर्ड के ऐलान के साथ ही साहित्य जगत में एक बार फिर गहराई, संवेदनशीलता और दर्शन से भरपूर लेखन की अहमियत को रेखांकित किया गया. बता दें कि लास्जलो अपनी कविताओं और रचनाओं के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. 

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'कला की ताकत को बचाए रखने वाली लेखनी'

लिट्रेचर नोबल प्राइज की घोषणा के साथ ही स्वीडिश एकेडमी ने लास्जलो की रचनाओं की काफी सराहना भी की. एकेडमी ने कहा-  लास्जलो की लेखनी प्रभावशाली, दूरदर्शी और गहराई से भरी हुई है.  वह एक ऐसे लेखक हैं, जो दुनिया की अराजकता और भय के बीच भी कला की शक्ति को जीवित रखते हैं. इतना ही नहीं उनकी रचनाओं में काफ्का और थॉमस बर्नहार्ड की मध्य यूरोपीय परंपरा से जुड़ाव महसूस किया जा सकता है. इनमें बेलौसपन और दार्शनिक सोच की झलक मिलती है.

'सैटानटैंगो': एक लेखक के रूप में पहचान की शुरुआत

लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई का पहला उपन्यास ‘सैटानटैंगो’ वर्ष 1985 में प्रकाशित हुआ था. यह उपन्यास हंगरी के एक ग्रामीण इलाके में रह रहे बेसहारा लोगों की जिंदगी और साम्यवाद के पतन की पृष्ठभूमि पर केंद्रित है. इस कृति ने उन्हें हंगरी में एक गंभीर और सशक्त लेखक के रूप में स्थापित किया.

लेखन से सिनेमा जगत में बनाई पहचान 

लास्जलो ने अपनी लेखनी के दम पर दुनियाभर में नाम किया. साहित्य के दम पर ही उन्होंने सिनेमा जगत में भी नाम कमाया. उनकी कई पुस्तकों को फिल्मी रूप में भी प्रस्तुत किया गया है. उनकी दो प्रमुख किताबें
‘सैटानटैंगो’और ‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस’ पर फिल्में बनाई गई हैं. 

‘सैटानटैंगो’ पर बनी फिल्म लगभग 7 घंटे लंबी है और इसे क्लासिक सिनेमा का दर्जा मिला है. जबकि, ‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस’ एक छोटे गांव की सामाजिक और मानसिक जटिलताओं को दिखाती है, जो मानव स्वभाव की कमजोरियों को उजागर करती है. 

पुरस्कार और सम्मान के तहत क्या मिला

बता दें कि लास्जलो को इस पुरस्कार के तहत 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपए), एक गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाएगा.  यह सम्मान 10 दिसंबर 2025 को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा. 

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