Anokhi Khabar: इस देश में पूजा करने पर मिल सकता है मृत्युदंड, यहां न मंदिर है और न मस्जिद; जानें क्यों

Anokhi Khabar: इस देश में कोई भी विश्वास जो देश से ऊपर भक्ति को रखता है, उसे खतरनाक माना जाता है. इसी वजह से इस देश में धार्मिक सोच को देश विरोधी माना जाता है.

Anokhi Khabar: इस देश में कोई भी विश्वास जो देश से ऊपर भक्ति को रखता है, उसे खतरनाक माना जाता है. इसी वजह से इस देश में धार्मिक सोच को देश विरोधी माना जाता है.

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Jalaj Kumar Mishra
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क्या आप जानते हैं, दुनिया का एक देश ऐसा भी है, जहां धर्म को खतरा माना जाता है. इस देश में आधिकारिक रूप से एक भी न मंदिर हैं और न ही मस्जिद. आइये जानते हैं आखिर ये कौन सा देश है…..

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इस देश का नाम है, उत्तर कोरिया. उत्तर कोरिया एक नास्तिक देश है. इस देश की विचारधारा सभी प्रकार के संगठित धर्म को खारिज करती है. यहां काफी छोटी उम्र से ही बच्चों को सिखाया जाता है कि धर्म एक विदेशी अवधारणा है और इसका मकसद लोगों को गुमराह करना नहीं है. 

मौत की सजा तक हो सकती है

उत्तर कोरिया की सरकार का मानना है कि धर्म वफादारी का वैकल्पिक स्रोत है. कोई भी विश्वास जो देश से ऊपर भक्ति को रखता है, उसे खतरनाक माना जाता है. इसी वजह से देश में धार्मिक सोच को देश विरोधी माना जाता है. उत्तर कोरिया में धर्म का पालन करने का परिणाम बहुत गंभीर माना जाता है. अगर यहां कोई व्यक्ति बाइबिल और कुरान जैसे कोई भी धार्मिक ग्रंथ रखते हैं या फिर चोरी-छिपे प्रार्थना करते हैं तो उसे जेल की लंबी सजा होती है. कुछ मामलों में तो मौत की सजा तक दे दी जाती है. 

किम जोंग-उन के प्रति भक्ति दिखाएं

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में कुछ चर्च और मंदिर जरूर है लेकिन इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ऑर्गानाइजेशन का कहना है कि ये सिर्फ दिखाने के लिए ही है. उत्तर कोरिया के नागरिकों से उम्मीद की जाती है कि वे धर्म की बजाए सत्तारूढ़ किम जोंग उन और उनके पिता और उनके दादा के प्रति भक्ति दिखाएं. 

निजी जीवन में भी प्रतिबंधित रहे

उत्तर कोरिया में धर्म न सिर्फ सार्वजनिक जीवन में बल्कि निजी जीवन में भी प्रतिबंधित है. देश का खुफिया विभाग भी इस बात को पक्का करता है कि व्यक्तिगत विश्वास भी उनकी जांच के दायरे में रहें.

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