शी को आजीवन पद पर बनाए रखने के प्रस्ताव का विरोध, सांसदों को लिखी चिट्ठी

चीन की जानी मानी राजनीतिक टिप्पणीकार और नामचीन महिला कारोबारी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अनिश्चतकाल तक सत्ता पर बनाए रखने के लिये लाए जा रहे प्रस्ताव का विरोध किया है।

चीन की जानी मानी राजनीतिक टिप्पणीकार और नामचीन महिला कारोबारी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अनिश्चतकाल तक सत्ता पर बनाए रखने के लिये लाए जा रहे प्रस्ताव का विरोध किया है।

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pradeep tripathi
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शी को आजीवन पद पर बनाए रखने के प्रस्ताव का विरोध, सांसदों को लिखी चिट्ठी

चीन की जानी मानी राजनीतिक टिप्पणीकार और नामचीन महिला कारोबारी ली देतॉंग ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अनिश्चतकाल तक सत्ता पर बनाए रखने के लिये लाए जा रहे प्रस्ताव का विरोध किया है।

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उन्होंने खुलापत्र लिखकर सांसदों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह किया है। हालांकि चीन में इस तरह का विरोध कम ही नज़र आता है।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समय सीमा को खत्म करने के लिए रविवार को एक प्रस्ताव की घोषणा की गई थी।

इस प्रस्ताव के विरोध में लोकप्रिय मैसेजिंग एप वीचैट पर बयान प्रसारित हो रहे हैं।

सरकार संचालित ‘चाइना यूथ डेली’ के पूर्व संपादक ली दातोंग ने वीचैट पर एक बयान में चीन की संसद के सदस्यों को लिखा कि कार्यकाल की सीमा खत्म करना ‘अराजकता के बीज बोने’ जैसा होगा। उन्होंने कहा, ‘यदि देश के शीर्ष नेता के कार्यकाल की कोई समयसीमा नहीं होगी तो हम एक राजशाही शासन की ओर लौटेंगे।’

सरकार में सुधारों की वकालत कर चुकी महिला कारोबारी वांग यिंग ने कहा, ‘मेरी पीढ़ी ने माओ को देखा है। वह युग खत्म हो गया है। हम इस पर संभावित रूप से वापस कैसे जा सकते हैं?’

उन्होंने वीचैट पर लिखा कि कम्युनिस्ट पार्टी का प्रस्ताव ‘पूरी तरह धोखा’ और ‘धारा के विपरीत’ है।

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उन्होंने कहा, ‘मैं जानती हूं कि आप (सरकार) कुछ भी करने का दुस्साहस करेंगे और किसी आम आदमी की आवाज का निश्चित तौर पर कोई अर्थ नहीं होता। लेकिन मैं एक चीनी नागरिक हूं और भागने की मेरी कोई योजना नहीं है। यह मेरी मातृभूमि भी है।’

नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थाई समिति के सूचना विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी खुले पत्र की जानकारी नहीं है।

कांग्रेस अगले महीने की शुरुआत में अपने सालाना सत्र के दौरान संवैधानिक संशोधन को निश्चित तौर पर पारित कर देगी। इस दौरान वह शी को पांच साल का एक और कार्यकाल देगी। साथ ही नए मंत्रियों और अधिकारियों की नियुक्ति भी करेगी।

चीन के 1982 के संविधान के तहत कोई भी राष्ट्रपति सिर्फ दो बार ही इस पद पर रह सकता है, लेकिन माओ के बाद देश के सर्वाधिक शक्तिशाली नेता माने जाने वाले शी भ्रष्टाचार से लड़ने, गरीबी हटाने, चीन को एक अग्रणी आधुनिक देश बनाने के अपने एजेंडे के नाम पर अतिरिक्त कार्यकाल चाहते हैं।

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Source : News Nation Bureau

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