पेरिस जलवायु समझौते पर एकजुट हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इमैनुअल मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के इस हफ्ते औपचारिक रूप से अलग हो जाने के बाद इस समझौते के प्रति एकजुटता दिखाई.

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Ravindra Singh
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पेरिस जलवायु समझौते पर एकजुट हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इमैनुअल मैक्रों

इमैनुअल मैक्रों के साथ शी जिनपिंग( Photo Credit : फाइल)

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के इस हफ्ते औपचारिक रूप से अलग हो जाने के बाद इस समझौते के प्रति एकजुटता दिखाते करते हुए बुधवार को घोषणा कि यह समझौता “अपरिवर्तनीय” है. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उसकी वास्तविकता को लेकर लगातार मिल रहे प्रमाणों के बावजूद पेरिस समझौते से अलग होने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर अमल के बाद दुनिया की बड़ी शक्तियों ने अफसोस एवं चिंता जाहिर की.

अमेरिका ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के समक्ष इस समझौते से अलग होने संबंधी पत्र प्रस्तुत किया और पहली मुमकिन तारीख में उसे अलग करने का अनुरोध किया. इसी के साथ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इस समझौते से बाहर होने वाला एकमात्र देश है. इस समझौते में अमेरिका को शामिल ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने किया था. संयुक्त लिखित बयान में शी और मैक्रों ने “पेरिस समझौते के प्रति अपना दृढ़ समर्थन दोहराया जिसे वे एक अपरिवर्तनीय प्रक्रिया और जलवायु पर ठोस कार्रवाई का सूचक मानते हैं.”

इसके पहले अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की सूचना औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र को दे दी है. इसे एक ऐतिहासिक वैश्चिक समझौता माना जाता है जिसके तहत ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए भारत समेत 188 राष्ट्र एकजुट हुए थे. इस वैश्विक समझौते में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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इस समझौते को वर्ष 2015 में फ्रांस की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन ‘सीओपी21’ में अपनाया गया था. इसका उद्देश्य हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाना था. ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अलग होने की घोषणा ट्रंप एक जून 2017 को कर चुके थे लेकिन इसकी प्रक्रिया सोमवार को इसकी औपचारिक अधिसूचना के साथ शुरू हुई. अब अमेरिका चार नवंबर 2020 को इस समझौते से अलग हो जाएगा. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को इस बाबत औपचारिक नोटिस दे दिया है.

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पोम्पियो ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘आज अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने की प्रक्रिया शुरू कर दी. समझौते की शर्तों के मुताबिक अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र को समझौते से अलग होने की औपचारिक सूचना भेज दी है. अधिसूचना देने के एक वर्ष बाद यह प्रभाव में आएगा.’’ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने महासचिव को पेरिस समझौते से हटने की आधिकारिक सूचना चार नवंबर 2019 को दे दी. यह समझौता 12 दिसंबर 2015 को हुआ था.

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