Corona से जंग में दुनिया में लंबे लॉकडाउन की आशंका, स्पेन-अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित
अगर दुनिया की बात करें तो बीते एक दिन में 3,104 लोग मरे हैं, जो दुनिया को इस बात की चेतावनी है कि 33,965 से अधिक लोगों की जान ले चुके इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति लंबे समय तक चल सकती है.
highlights
- वायरस को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लंबे समय तक संभव.
- वैश्विक अर्थव्यवस्था के हाल बुरे. लॉकडाउन से बिगड़ेगी ही स्थिति.
- चीन तेजी से सामान्य हो रहा है. दुनिया में स्थिति और बिगड़ रही.
नई दिल्ली:
स्पेन (Spain) के राष्ट्रीय अखबार ने रविवार को देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण 24 घंटे में 838 लोगों की मौत होने की खबर दी है. अगर दुनिया की बात करें तो बीते एक दिन में 3,104 लोग मरे हैं, जो दुनिया को इस बात की चेतावनी है कि 33,965 से अधिक लोगों की जान ले चुके इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति लंबे समय तक चल सकती है. कोरोना वायरस की महामारी के नये केंद्र के रूप में उभरे यूरोप (Europe) और अमेरिका (America) में बीमार मरीजों की बहुतायत है. यह स्थिति अप्रत्याशित रूप से अर्थव्यवस्था को नुकसान की ओर ले जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने न्यूयॉर्क को बंद करने से इंकार कर दिया है जो उस भय और भ्रम को रेखांकित करता है जिसकी बानगी इस समय दुनिया के कई हिस्सों में वायरस को नियंत्रित करने में दिख रही है. भारत (India) में ही संक्रमित लोगों की संख्या 1100 के आसपास पहुंच रही है, जबकि मृतक संख्या 30 हो चुकी है. अब तक दुनिया भर में कोरोना संक्रमित 7,21,562 हो चुके हैं, जिनमें 58,435 नए मामले हैं.
यह भी पढ़ेंः Chhatishgarh: लोगों की भीड़ इकट्ठा करने के आरोप में कांग्रेस विधायक के खिलाफ FIR दर्ज
स्पेन में तीसरे दिन भी बढ़ा मौत का आंकड़ा
स्पेन में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे में होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है. देश में लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराया गया है और अधिकारियों को उम्मीद है कि नये मामलों की वृद्धिदर में कमी का अभिप्राय है कि स्पेन संकट के चरम पर पहुंच गया है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में जीवन के सभी पहलुओं पर विध्वंसक असर डाला है: लाखों नौकरियां चली गईं, चुनाव टल गए और खेल आयोजन रोक दिए गए हैं. इससे दुनिया भर में स्वास्थ्य क्षेत्र पर अत्यधिक बोझ बढ़ गया है. डॉक्टर एवं नर्स व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं और दुनिया के सबसे अमीर शहर मास्क और जीवनरक्षक प्रणाली की सीमित संख्या की वजह से संघर्ष कर रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी की अपील से भावुक हुई बच्ची, गुल्लक तोड़ राहत कोष में जमा कराए पैसे
स्वास्थ्य संसाधनों की किल्लत
हालांकि, इटली, स्पेन और न्यूयॉर्क जैसे शहर जहां संकट गंभीर है वहां पर इलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों के पास आपूर्ति होने तक रुकने का समय भी नहीं है. न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल समूह स्थित पुनर्वास केंद्र में काम करने वाली तीन बच्चों की मां डायना टोरेज कहती हैं कि वहां सभी डरे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि इसी अस्पताल में हाल में कोरोना वायरस से 48 वर्षीय एक नर्स की मौत हो गई थी. डायना ने कहा, 'मेरे सिर पर और पैरों में पहनने के लिए कुछ नहीं है.' उन्होंने बताया कि एक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, एक एन-95 मास्क को हासिल करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी जिसका उन्हें बार-बार इस्तेमाल करना होगा.
यह भी पढ़ेंः Coronavirus Lockdown 6th Day Live: मध्य प्रदेश में कोरोना के 8 नए मामले, इंदौर में कुल 32 मरीज
दुनिया की एक-तिहाई आबादी कर रही बंद का सामना
विश्व की तकरीबन एक तिहाई आबादी बंद का सामना कर रही है. कुछ नेताओं ने चेतावनी दी है कि और बुरे दिन आने वाले हैं. वहीं सरकारों ने नियंत्रण के नये कदम और डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पैकेज की घोषणा की है. ब्रिटेन, जहां पर मौतों का आंकड़ा एक हजार को पार कर चुका है और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन स्वयं पिछले हफ्ते संक्रमित पाए गए हैं, ने चेतावनी दी है कि क्षितिज पर अभी और काले दिन है. जॉनसन ने कहा, 'हम जानते हैं कि हालात बेहतर होने से पहले बद्तर होंगे.' उन्होंने ब्रिटेन के सभी परिवारों को पत्र लिखा है जिसमें बताया गया है कि कैसे संक्रमण को रोका जा सकता है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि बंदी केवल तीन हफ्ते तक रहेगी लेकिन प्रमुख विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति जून तक बनी रह सकती है.
यह भी पढ़ेंः Petrol Rate Today: पेट्रोल-डीजल में कोई बदलाव नहीं, कच्चे तेल में आई भारी गिरावट
स्थिति और खराब होने की आशंका
कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित इटली और स्पेन ने संकेत दिया है कि हाल फिलहाल में बंद के उपायों को हटाने की संभावना नहीं है बावजूद इसके कि इससे आर्थिक स्थिति खराब होगी. इटली के द्वीप सिसली में पुलिस को बेंत और बंदूक के साथ सुपरमार्केट की सुरक्षा करने पहुंचना पड़ा जहां पर स्थानीय लोगों द्वारा खाने-पीने का सामान लूटने की खबर आई थी क्योंकि वे इन्हें खरीदने में असमर्थ थे. ला रिपब्लिका अखबार के मुताबिक, 'स्थानीय लोगों के समूह पलमेरो स्थित सुपरमार्केट में भुगतान किए बिना सामान लेकर भाग गए. किसी एक व्यक्ति को कैशियर के काउंटर पर चिल्लाते हुए सुना गया कि हमारे पास देने को पैसे नहीं है लेकिन हमें खाना चाहिए. स्पेन ने पहले ही देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी और गैर जरूरी गतिविधियों को रोक दिया है.
यह भी पढ़ेंः दुनियाभर में जारी कोरोना का कहर, 6 लाख के पार हुआ कुल मामलों का आंकड़ा
चीन में हालात हो रहे सामान्य
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कोरोना वायरस से 123 लोगों की मौत के बाद कहा कि देश को लंबे समय तक नयी जीवन पद्धति के साथ जीने के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि, चीन का वुहान शहर जहां पिछले साल यह वायरस सबसे पहले उभरा था, वहां हालात कुछ सामान्य हुए हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जन स्वास्थ्य को सबसे बड़ा खतरा संक्रमण के आयातित मामलों से है. करीब ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद वुहान वापस लौट रहे स्थानीय लोगों की मदद में लगे हान ली ने कहा, 'शुरुआत में हम अधिक भयभीत थे और सोचते थे कि विदेश ही सुरक्षित हैं लेकिन अब स्थिति दूसरी है. ऐसा लगता है चीन अधिक सुरक्षित है.'
यह भी पढ़ेंः कोरोना वायरस से पाकिस्तान में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या हुई 1571, पंजाब में हाहाकार
अमेरिका भी लकवाग्रस्त
महामारी अब पश्चिमी देशों में पैर पसार चुकी है. जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 1,24,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. अमेरिका में टुकड़ों में उपाय किए जा रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रम्प में न्यूयॉर्क और उसके पड़ोस के राज्यों को बंद करने पर गत सप्ताहांत भ्रम की स्थिति देखी गई. अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र न्यूयॉर्क महानगर क्षेत्र को बंद करने के प्रस्ताव पर लोगों को हतप्रभ करते हुए ट्रम्प ने ट्वीट किया, 'बंद की कोई जरूरत नहीं है.' ट्रम्प का यह इनकार ऐसे समय आया जब उसी दिन अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 2,100 से अधिक पहुंचा गया जो तीन दिन के भीतर दोगुनी संख्या है और इनमें से एक चौथाई मौत अकेले न्यूयॉर्क शहर में हुई है. मृतकों में शिकागो का एक नवजात भी शामिल था जो वैश्विक महामारी के कारण एक साल से भी कम उम्र के बच्चे की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत का दुर्लभ मामला है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य