logo-image

World Water Crisis: पानी की समस्या से जूझ रही दुनिया की एक-चौथाई आबादी, 2050 तक 60 फीसदी होगी संख्या

World Water Scarcity: वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के एक्वाडक्ट वॉटर रिस्क एटलस की ओर से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हम पूरे विश्व में पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. इसके परिणाम काफी भयावह हो सकते हैं.

Updated on: 17 Aug 2023, 11:49 AM

highlights

  • दुनिया पर मंडरा रहा पानी की किल्लत का खतरा
  • 25 फीसदी लोग कर रहे पानी की समस्या का सामना
  • 2050 तक 60 फीसदी हो जाएगी ये संख्या

New Delhi:

World Water Scarcity: दुनियाभर  के कई बड़े महानगर इनदिनों पानी की कमी से जूझ रहे हैं. पानी की ये समस्या तेजी से विकराल रूप ले रही है. हालांकि दुनियाभर के देश पानी के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं लेकिन पानी की किल्लत बढ़ती ही जा रही है. आज हालत ये है कि महानगर ही नहीं दूर-दराज के कई इलाके भी पानी की कमी की चपेट में हैं. फिर वह भारत हो या मिस्र या तुर्की. पानी की कमी के मुख्य कारणों में आबादी का तेजी से बढ़ना, शहरीकरण, मॉर्डनाइजेशन के अलावा जलवायु परिवर्तन और पानी की अत्यधिक बर्बादी शामिल है.

ये भी पढ़ें: Gulam Nabi Azad Video: हिंदू ही हैं जम्मू-कश्मीर के मुसलमान , गुलाम नबी आजाद का बयान हुआ वायरल

पूरा विश्व पानी की किल्लत का कर रहा सामना

वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के एक्वाडक्ट वॉटर रिस्क एटलस की ओर से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हम पूरे विश्व में पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. इसके परिणाम काफी भयावह हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी की कमी से समाज और पर्यावरण के विभिन्न पहलू प्रभावित हो सकते हैं.

चार अरब लोग पानी की किल्लत का कर रहे सामना

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की एक-चौथाई आबादी के बराबर दुनिया के 25 देश वार्षिक जल तनाव से जूझ रहे हैं. विश्वस्तर भर में लगभग 4 अरब यानी 400 करोड़ लोग हर साल कम से कम एक महीना पानी की किल्लत से जूझते हैं. जो दुनिया की आधी आबादी के बराबर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2050 तक ये आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक पूरी दुनिया में 70 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी पर पानी की कमी का असर देखने को मिलेगा. जो जीडीपी का 31 फीसदी होगा. यह आंकड़ा साल 2010 में 15 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी से 7 फीसदी ज्यादा है. जो पहले 24 फीसदी था.

ये भी पढ़ें: Saudi Arabia: सऊदी अरब ने अमेरिकी नागरिक को दी मौत की सजा, गला घोंटकर की थी पिता की हत्या

भारत समेत इन देशों पर होगा असर

पानी को लेकर हर चार साल में एक बार जारी होने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2050 में दुनिया के 4 देशों को अपनी जीडीपी पर आधे से अधिक का नुकसान पानी की कमी की वजह से होगा. इनमें भारत के अलावा मैक्सिको, मिस्र और तुर्की शामिल हैं. इस रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि दुनिया के 25 देश, जिनमें दुनिया की एक चौथाई आबादी शामिल है. हर साल पानी की कमी से जूझ रहे हैं. इन देशों बहरीन, साइप्रस, कुवैत, लेबनान और ओमान पर सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है. यहां आने वाले दिनों में सूखा पड़ने के आसार हैं.