वेतन अंतर खत्म करने के लिए महिलाओं को करना पड़ेगा 217 साल इंतजार: WEF
डब्ल्यूईएफ के अनुसार महिलाओं और पुरुषों के बीच वेतन और रोजगार के अवसर से संबंधित असमानता को खत्म करने में 217 साल लगेंगे
नई दिल्ली:
विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने अपने शोध के बाद कहा कि महिलाओं और पुरुषों के बीच वेतन और रोजगार के अवसर से संबंधित असमानता को खत्म करने में 217 साल लगेंगे।
मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, फोरम ने बुधवार को कहा कि यह आंकड़े एक साल पहले रिसर्चर द्वारा बताए गए 170 साल की अवधि से ज्यादा है।
दूसरे संकेतों जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और राजनीति के मुद्दे को जोड़ने पर पूरे लैंगिंक अंतर को समाप्त होने में 100 साल के करीब समय लगेगा और यह डब्ल्यूईएफ के रिसर्चर द्वारा बीते साल लगाए गए 83 साल के अनुमान से ज्यादा है।
यह पहली बार है कि साल 2006 के बाद से डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी लैंगिक असमानता रिपोर्ट में महिलाओं और पुरुषों के बीच लैंगिक असमानता समाप्त करने में 'धीरे लेकिन लगातार प्रगति' बाधित हुई है।
डब्ल्यूईएफ की शिक्षा, लिंग और कार्य की प्रमुख सादिया जाहिदी ने कहा, '2017 में हमें लैंगिक असमानता की प्रगति को पीछे की ओर जाते नहीं देखना चाहिए। लैंगिक समानता का नैतिक और आर्थिक महत्व है।'
उन्होंने कहा, 'कुछ देश इसे समझ रहे हैं और लैंगिक अंतर को समाप्त करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों से वे कुछ लाभ देख रहे हैं।'
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, इस रिसर्च में महिलाओं और पुरुषों के बीच आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और राजनीतिक संकेतक के आधार पर 144 देशों की लिस्ट तैयार की गई है।
इस सूची में ब्रिटेन पिछले साल से पांच स्थानों की छलांग लगाकर 15वें स्थान पर पहुंच गया है। इस रैकिंग में देश में थेरेसा मे की प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद सुधार हुआ है। जब 2006 में यह रैंकिंग शुरू की गई थी तब ब्रिटेन का नौवां स्थान था।
रिपोर्ट के अनुसार, अकाउंटेंसी कंपनी 'प्राइसवाटर हाउसकूपर्स' के हवाले से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में ही अकेले आर्थिक लिंग समानता सकल घरेलू उत्पाद में ( जीडीपी) 25000 करोड़ डॉलर जोड़ सकता है।
स्मोक नहीं करने वालों को जापान की इस कंपनी ने दिया अनोखा इनाम
डब्ल्यूईएफ के अनुसार, आईसलैंड इस सूची में शीर्ष पर बना हुआ है और यह देश लगातार नौ सालों से दुनिया का सबसे ज्यादा लैंगिक समानता वाला देश बना हुआ है। यहां लैंगिक अंतर 88 प्रतिशत तक समाप्त हो गया है। वहीं इस लिस्ट में नार्वे और फिनलैंड क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर बने हुए हैं।
2017 में लक्षित हमलों में 30 से अधिक पत्रकार की हुई हत्या: UN
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर