logo-image

काबुल में महिलाओं के स्वामित्व वाले कारोबार बंद होने से परेशान महिलाएं.. मीडिया से बयां किया दर्द

स्थानीय महिला तबस्सोम ने टोलो न्यूज से बात करते हुए बताया कि तालिबान के काबुल शहर में प्रवेश करने के बाद से महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसाय, विशेष रूप से रेस्तरां और कैफे पिछले एक महीने से बंद हैं. ऐसे में जिन महिलाओं का जीवन इन पर आधारित था उन्हे

Updated on: 22 Sep 2021, 05:25 PM

highlights

  • अफगानिस्तान में रोजाना महिलाओं को लेकर फरमान हो रहे जारी 
  • कामकाजी महिलाओं को घर से निकलने पर भी लगी है पाबंदी
  •  महिलाओं का जीना हुआ दुभर..रोजी-रोटी का भी संकट 

New delhi:

अफगानिस्तान (afghanistan) पर कब्जा किए हुए तालिबान को एक महीने से ज्यादा हो गया है.. वह अभी अंतरिम सरकार के जरिए शासन चला रहा है. ऐसे में रोजाना महिलाओं की आजादी को लेकर नये-नये फरमान जारी किय़े जा रहे हैं.. हाल ही में सभी काम-काजी महिलाओं व छात्राओं को घर से न निकलने का फरमान जारी किया गया है.. जिसके बाद महिलाओं का जीवन संकट में आ गया है..खासकर वे महिलाएं जो रेस्तरां आदि में काम करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही थी.. ऐसी महिलाएं का रोजगार पिछले एक माह से बंद है. जिसके बाद महिलाओं को रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने लगा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कामकाजी महिलाएं जीवन व्यापन के लिए अवसर तलाश रही हैं.. 

स्थानीय महिला तबस्सोम ने टोलो न्यूज से बात करते हुए बताया कि तालिबान के काबुल शहर में प्रवेश करने के बाद से महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसाय, विशेष रूप से रेस्तरां और कैफे पिछले एक महीने से बंद हैं. ऐसे में जिन महिलाओं का जीवन इन पर आधारित था उन्हे खाने तक के लाले पड़े हैं. साथ ही अब महिलाओं को घर से न निकलने देने के फरमान के बाद संकट और गहरा हो गया है.. उन्होने आगे बताया कि तीन साल मैने काबुल में एक कैफे खोलने के लिए दस लाख रुपए खर्च किए थे. मरे कैफे की सभी कर्मचारी  महिलाएं थीं.. लेकिन जब से तालिबानी शासन आया है सबने अपनी नौकरी खो दी है. ऐसे में उन महिलाओं के सामने जीवन व्यापन करने तक का संकड़ खड़ हो गया है..

फरमान हुआ जारी 
हाल के दिनों में नई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले कई फरमान जारी किए हैं. उसने मिडिल और हाई स्कूल की छात्राओं से कहा कि वे फिलहाल स्कूल नहीं आएं, जबकि लड़कों के लिए इस हफ्ते के अंत से स्कूल खोल दिए गए हैं. विश्वविद्यालय की छात्राओं को सूचित किया गया है कि लड़के और लड़कियों की कक्षाएं की अलग-अलग होंगी और उन्हें सख्त इस्लामी पोशाक संहिता का पालन करना होगा. अमेरिका के समर्थन वाली पिछली सरकार में अधिकतर स्थानों पर विश्वविद्यालयों में सह शिक्षा थी. तालिबान ने पिछले महीने इस सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसके अलावा जिन व्यापारिक संसाधनों से महिला जुड़ी थी..उन्हे भी बंद कर दिया गया है. साथ ही महिलाओं को घर से न निकलने की हिदायत दी गई है. निकी तबोस्सोम आगे बताती हैं कि तालिबान के काबुल आने के बाद मेरे साथ लाखों महिलाओं ने अपनी नौकरी खो दी है.. अब अफगानिस्तान में महिलाएं अपने परिवार का पेट पालने के लिए काम करने और पैसा कमाने के तरीके तलाश रही हैं.

रुक गया निवेश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काबुल वर्कर्स यूनियन के प्रमुख नूर-उल-हक ओमारी ने कहा कि दुर्भाग्य से महिलाओं के नेतृत्व में निवेश रुक गया है.. उन्होंने अपनी नौकरी और धन खो दिया है.. कुछ मामलों में तो महिलाओं ने अपनी कंपनी की महंगी चीजें बेहद कम दाम पर बेच दी हैं. पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों अफगान व्यवसायियों ने देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना शुरू कर दिया था, जिसे तालिबानी सरकार आते ही बंद कर दिया गया है.. जिसके चलते अफगानिस्तान में महिलाओं हालत बहुत ही दयनीय है..