कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर 18 साल पहले जबरदस्ती छूने का आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि वह अपने बयान पर कायम है।
महिला ने सीबीसी न्यूज को शुक्रवार को इस संबंध में बयान जारी किया। इस संबंध में महिला का पहला सार्वजनिक बयान लगभग एक महीने पहले वायरल हुआ था।
बीबीसी के मुताबिक, महिला ने बताया कि ऐसा हुआ था। एक स्थानीय अखबर में अगस्त 2000 में इस बारे में एक संपादकीय छापा था।
ट्रूडो ने हालांकि इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उन्होंने किसी भी तरह का अनुचित व्यवहार नहीं किया था।
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महिला उस समय पत्रकार थी और एक समारोह को कवर करने गई थी। इस समारोह में ट्रूडो ने भी शिरकत की थी।
यह मामला तब दोबारा उछला जब एक ब्लॉगर ने उस अखबार की पुरानी प्रति ट्विटर पर शेयर की।
वह कार्यक्रम ब्रिटिश कोलंबिया के क्रेस्टन में एक चैरिटी के लिए पैसे जुटाने के लिए हुआ था।
इसके कुछ दिन बाद एक स्थानीय अखबार में एक संपादकीय छपा था, जिसमें ट्रूडो पर एक स्थानीय युवा महिला को जबरन छूने का आरोप लगाया गया था।
इस घटना के लगभग 20 साल बाद जब एक जुलाई को संवाददाताओं ने ट्रूडो से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम को लेकर उनकी स्मृति में कुछ भी नकारात्मक छवि नहीं है।
उस समय ट्रूडो एक शिक्षक थे और उनकी उम्र 28 वर्ष थी।
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Source : IANS