एक महीने के अंदर चीन ने दूसरी बार दागी महाविनाशक हाइपरसोनिक मिसाइल
चीन ने यह दूसरा मिसाइल परीक्षण 13 अगस्त और पहला परीक्षण 27 जुलाई को किया था. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे परीक्षण में भी चीन ने 'हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल' का इस्तेमाल किया.
highlights
- चीन की यह महाविनाशक मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है
- इस तरह की तकनीक अमेरिका के पास भी नहीं है
- यह मिसाइल धरती पर मौजूद किसी एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आयेगा
नई दिल्ली:
China Hypersonic Missile US:चीन के महाविनाशक मिसाइल से दुनिया भर में दहशत है. चीन ने दूसरी बार हाइपरसोनिक मिसाइल का अंतरिक्ष से दागने का परीक्षण किया है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. दुनियाभर के वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वास्तव में चीनी परीक्षण किस तरह का था. चीन ने यह दूसरा मिसाइल परीक्षण 13 अगस्त और पहला परीक्षण 27 जुलाई को किया था. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे परीक्षण में भी चीन ने 'हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल' का इस्तेमाल किया. इसे चीन ने लॉन्ग मार्च रॉकेट से जुलाई में अंतरिक्ष में भेजा था. इस मिसाइल ने धरती का चक्कर लगाया और फिर तयशुदा स्थान पर ध्वनि की गुना ज्यादा रफ्तार से हमला किया. चीन ने माना है कि उसने एक परीक्षण किया है लेकिन उसका दावा है कि यह 'शांतिपूर्ण' सिविलियन स्पेसक्राफ्ट है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन की यह महाविनाशक मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है. यही नहीं यह मिसाइल धरती पर मौजूद किसी एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आने में सक्षम है. इस तरह चीनी मिसाइल को किसी भी तरीके से रोका नहीं जा सकता है. अभी यह क्षमता अमेरिका जैसी सुपर पावर के पास भी नहीं है.
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विश्व भर के रक्षा विशेषज्ञ चीन के परीक्षण से दहशत में हैं और उनका मानना है कि इस स्पेसक्राफ्ट में एक परमाणु बम लगाया जा सकता है जो मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आयेगा. अभी वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हैं कि चीनी अंतरिक्ष विमान की क्षमता क्या है. एक सूत्र का दावा है कि इस मिसाइल ने 'फिजिक्स के नियमों को बदल दिया है.' इस तरह की तकनीक अमेरिका के पास भी नहीं है.
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने इस पूरे मामले में कॉमेंट करने से मना कर दिया है जबकि अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करने से मना कर दिया है. इससे पहले खुलासा हुआ था कि मध्य अगस्त में चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल का अंतरिक्ष से परीक्षण किया है. विश्लेषकों का कहना है कि चीन का यह नया हथियार कोल्ड वार के दौरान का 'Fractional Orbital Bombardment System' है.
सोवियत संघ की बनाई इस तकनीक में परमाणु बम को धरती की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया जाता है और उसे धरती का चक्कर लगाने की अनुमति दी जाती है. इसके बाद यह मिसाइल अपने लक्ष्य पर गिरती है. इसकी जोरदार स्पीड की वजह से उसे डिटेक्ट और बर्बाद करना बहुत ही मुश्किल है. इसकी तुलना में अन्य परंपरागत मिसाइलों को आसानी से ट्रैक करके उन्हें नष्ट किया जा सकता है.
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