कहा जाता है कि 'पिशाच' यानी 'जंगली' या 'वैम्पायर' कहे जाने वाले चमगादड़ सिर्फ बड़े आकार के पक्षियों को खून चूसते हैं। लेकिन रिसर्च में पता चला है कि चमगादड़ों को इंसानों का खून चूसते भी पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वजह से बीमारियों के फैलने की चिंता पैदा हो गई है।
यह रिसर्च ब्राज़ील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ परनाम्बुको के एक दल ने किया है। इस दल ने उत्तर-पूर्वी ब्राजील में कतिम्बऊ नेशनल पार्क में रहने वाले वैम्पायर चमगादड़ों (डी एकाउडेटा) के मल के 70 नमूनों का विश्लेषण कर किया गया है।
इस विश्लेषण के दौरान रिसर्च दल ने 15 नमूनों के डीएनए का पता लगाने में कामयाबी हासिल की। इनमें से तीन में इंसानों के खून मिले हैं। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एनरिको बर्नार्ड का कहना है कि यह काफी आश्चर्यजनक है और हम हैरान हैं। चमगादड़ों की प्रजाति स्तनपायियों का खून चूसने के लिए अनुकूल नहीं थी।
'न्यू साइंटिस्ट' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ रात में बड़े आकार के पक्षियों को निशाना बनाकर शिकार करते हैं। भोजन के रूप में एक चमगादड़ एक चम्मच खून चूसता है। आमतौर पर चमगादड़ का आहार पक्षियों के खून में मौजूद वसा होता है और ज्यादा प्रोटीन वाला इंसान का खून नहीं पसंद नहीं आता है।
यह भी कहा गया है कि चमगादड़ों ने भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब मनुष्यों के खून के उपयोग की क्षमता विकसित कर ली हो। इसकी वजह इंसान की संख्या बढ़ना बताया जा रहा है। दल ने जहां रिसर्च किया है, वहां आसपास काफी लोग रहने लगे हैं।
HIGHLIGHTS
- चमगादड़ के 15 नमूनों के डीएनए से हुआ खुलासा
- रात में शिकार करते हैं चमगादड़
Source : News Nation Bureau