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ईरान के लिए क्‍यों जरूरी थे अमेरिकी हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी?

बगदाद (Baghdad) में अमेरिका (America) द्वारा किए गए एयर स्‍ट्राइक (Air Strike) में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी (Qassem soleimani) और इराक में ईरानी समर्थक सशस्त्र बल के डेप्युटी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए.

Updated on: 03 Jan 2020, 08:54 AM

नई दिल्‍ली:

बगदाद (Baghdad) में अमेरिका (America) द्वारा किए गए एयर स्‍ट्राइक (Air Strike) में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी (Qassem soleimani) और इराक में ईरानी समर्थक सशस्त्र बल के डेप्युटी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए. इन दोनों के अलावा 6 और लोगों की भी जान जाने की खबर है. विदेशों में ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स की यूनिट कद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में गिना जाता था. सुलेमानी ईरान के लिए कितना अहम थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पश्‍चिम एशिया में किसी भी मिशन को अंजाम देने में उनकी बड़ी भूमिका होती थी.

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इस्लामिक स्टेट के चंगुल से बगदाद को बचाने के लिए सुलेमानी के नेतृत्व में ही पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स के नाम से ईरानी समर्थक फोर्स बनाई गई थी. सुलेमानी की 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच खूनी जंग में अहम भूमिका थी, जिसमें अमेरिका ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था.

सुलेमानी ने इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकियों के मुकाबले कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट करने का काम किया. कासिम सुलेमानी की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका है. माना जाता है कि सुलेमानी ने हथियार बंद संगठन हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन में सक्रिय आतंकी संगठन हमास को समर्थन दिया था. सीरिया में बशर अल-असद सरकार को भी सुलेमानी का समर्थन प्राप्त था.

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कुछ दिनों पहले ही बगदाद स्थित उसके दूतावास पर हुए हमले में ईरान का हाथ होने की बात सामने आ रही थी. इसके बाद अमेरिका रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि खेल अब बदल चुका है. उन्होंने कहा था कि ईरान के समर्थन वाले सशस्त्र बलों का अमेरिकी मिलिट्री फोर्सेज की ओर से भी करारा जवाब दिया जाएगा.