कीव पर अब तक रूस क्यों नहीं कर पाया कब्जा? जानें पांच बड़े कारण

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 19 दिन बीत चुके हैं. मगर अभी तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस का कब्जा नहीं हो पाया है.

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Mohit Saxena
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पुतिन के लिए कीव पर कब्जा करना क्यों हुआ कठिन( Photo Credit : file photo)

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 19 दिन बीत चुके हैं. मगर अभी तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस का कब्जा नहीं हो पाया है. रूस लगातार घातक हमले कर रहा है, मगर वह अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाया है. एक हफ्ते पहले रूस का 63 किलोमीटर लंबा सैन्य काफ़िला कीव की ओर बढ़ता दिखाई दिया था, तब ऐसा लग रहा था कि कुछ दिनों में रूस कीव पर कब्जा जमा लेगा. इस काफ़िले की सेटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई थीं. मगर आज तक यह काफ़िला कीव तक नहीं पहुंच नहीं सका है. आखिर किन कारणों से रूस जैसा शक्तिशाली देश यूक्रेन पर अपना कब्जा नहीं जमा पाया है, आइए जानने की कोशिश करते हैं.      

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यूक्रेन को मिल रहा नाटो का साथ  

रूस के लिए यह जंग आसान नहीं है. यूक्रेन को लगातार नाटो सेना द्वारा  हाथियारों से मदद से मिल रही है. इस कारण रूस पर पलटवार तेज हो  रहे हैं. नोटो युद्ध में शामिल न होकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन को सैन्य  मदद भेज रहा है. इस कारण यूक्रेन की सेना घात लगाकर रूस के टैंक और काफ़िले में हमला कर रहा है.    

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रूसी सेना के वाहनों में लगे चीन के घटिया टायर  

रूस के सैन्य वाहनों में लगे चीन के घटिया टायर हार का बड़ा कारण बन रहे हैं. पानी और कीचड़ में रूस के वाहन फंसकर बर्बाद हो रहे हैं. टायर पानी में जाने के बाद काफी जल्द बर्बाद हो रहे हैं. खराब सड़कों पर रूसी सैन्य वाहन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जहां पर टायरों के कारण रूसी वाहन बीच में ही अटक गए.     

ड्रोन अटैक के कारण सांसत में पड़ी रूसी सेना 

यूक्रेन को जंग में मिल रहे इजराइली ड्रोन रूस के लिए घातक साबित हो रहे हैं. ड्रोन की मदद से यूक्रेन रूस के टैंकों को तबाह कर रहा है. इसके साथ उसके सैन्य काफ़िले को तोड़ने में मदद कर रहा है. हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि रूसी टैंकों को जगलों में पेड़ के नीचे छिपाने की कोशिश हो रही है. ड्रोन अटैक इतने सटीक हैं कि रूसी सेना को संभलने का भी मौका नहीं मिल रहा है.   

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बुजदिल रूसी सेना

रूस की हार का सबसे बड़ा कारण उसकी सैन्य नीति है. ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी फौज में जबरदस्ती सैन्य भर्तियां की गई हैं. सेना के कई जवान लड़ाई से पहले ही अपने हथियार डाल रहे हैं. उनका कहना है कि वह इस युद्ध को लड़ना नहीं चाहते थे. मगर रूस की सैन्य नीति के कारण उन्हें जबरदस्ती सेना में भर्ती किया गया. अब रूस ऐसे सैनिकों को वापस बुला रहा है.     

आम जनता के हाथों में हथियार 

यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में लोगों के हाथ में हथियार पहुंच चुके हैं. यूक्रेन की सरकार युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रही है. ऐसे में रूसी  सेना के लिए राजधानी पर कब्जा जमाना मुश्किल हो रहा है. आम जनता इन्हें देखते ही हमला बोल रही है. इनके हाथों में पेट्रोल बम थमा दिए गए हैं, इस कारण रूस के टैंकों और  सैन्य वाहनों को भारी क्षति पहुंच रही है.   

 

HIGHLIGHTS

  • रूस लगातार घातक हमले कर रहा है, मगर वह अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाया है
  • यूक्रेन को लगातार नाटो सेना द्वारा  हाथियारों से मदद से मिल रही है
  • इजराइली ड्रोन रूस के लिए घातक साबित हो रहे हैं
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