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रूस के Victory Day 9 मई पर टिकीं निगाहें, इसलिए सहमी दुनिया

70 दिन गुजरने के बीच भी रूस-यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन में हमला किया था, लेकिन रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने इसे युद्ध के बजाय 'व‍िशेष सैन्‍य अभ‍ियान' करार दिया था.

Updated on: 07 May 2022, 11:21 AM

highlights

  • नाजी जर्मनी पर जीत की याद में मनाया जाता है Victory Day
  • यूक्रेन युद्ध की वजह से बहुत ही खास हो गया है इस वर्ष का विक्ट्री डे
  • विक्ट्री डे पर पुतिन के भाषण का दुनिया को बेसब्री से है इंतजार

नई दिल्ली:

70 दिन गुजरने के बीच भी रूस-यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन में हमला किया था, लेकिन रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने इसे युद्ध के बजाय 'व‍िशेष सैन्‍य अभ‍ियान' करार दिया था. बताया जाता है कि पुतिन को उनके जनरलों ने भरोसा दिलाया था कि एक हफ्ते के भीतर लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा, लेकिन 70 दिन बीत जाने के बाद भी रूस को अपेक्षित सफलता हाथ नहीं लग पाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पुतिन विक्ट्री डे पर यूक्रेन के खिलाफ फुल फ्लेज युद्ध छेड़ने का ऐलान कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो पुतिन को यूक्रेन में अपने अभियान को और तेज करने का रास्ता मिल जाएगा. दुनियाभर में इस की बात अटकलें तेज होती जा रही है. 

9 मई से पहले पुतिन के दिमाग को पढ़ने में जुटी दुनिया
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस का विक्ट्री डे यानी 9 मई आ रहा है. इस दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित करेंग. इससे पहले दुनियाभर के नेता और खुफिया एजेंसी इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है. माना जा रहा है कि इस दिन पुतिन रूस यूक्रेन पर रूस की जीत का दावा कर सकती है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि अदर इस दौरान रूस को प्रत्याशित सफलता नहीं तो पुति युद्ध को और घातक बनाने का आदेश दे सकते हैं. गौरतलब है कि रूस के इस विक्ट्री डे को लेकर दुनिया भर में आशंकाएं प्रबल होती जा रही है. पश्चिमी देशों का मानना है कि पुतिन विक्ट्री डे पर अपने भाषण का उपयोग यूक्रेन पर हमला तेज करने के लिए करेंगे. यानी इसके बाद युद्ध और ज्यादा भीषण और खतरनाक हो जाएगा. यूक्रेन में भी इसको लेकर घबराहट और तैयारियां हो रही हैं. युद्ध के दूसरे बड़े शहरों तक फैलने की आशंका के मद्देनजर लोग देश छोड़कर दूसरे देशों की तरफ रुख कर रहे हैं,अमेरिकी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि रूसी इस मौके का अपने उद्देश्यों के लिए भरपूर उपयोग करेंगे.

'चुनावों को भंग कर मार्शल लॉ लागू कर सकते हैं पुतिन'
रूसी मामलों के विशेषज्ञ जेम्‍स निक्‍से के मुताबिक जंग में रूसी सेना को अब तक 15,000 सैनिकों को गंवाना पड़ा है. अगर रूस यूक्रेन में अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेता है तो उसे अतिरिक्त सैनिकों की जरूरत होगी. हालांकि, इससे पुतिन की सरकार के लिए खतरा बढ़ जाएगा. इसका सामना करने के लिए पुतिन देश में मार्शल लॉ लागू करके चुनावों को भंग कर सकते हैं और पूरी सत्ता को हथिया सकते हैं. हालांकि, 9 मई को पुतिन क्या करेंगे, इसका अनुमान लगाना अभी सभी के लिए बहुत ही मुश्किल है.

विक्ट्री डे पर इस तरह कार्यक्रम
विक्ट्री डे के मौके पर पूरे रूस में इस दिन रूसी सेना की विशेष परेड होती है, जैसी भारत में गणतंत्र दिवस पर होती है. रूसी नेतागण भी इस मौके पर मॉस्को के मशहूर लाल कपर अपने महान नेता व्लादिमीर लेनिन की क्रब के पास जमा होते हैं.  इसके बाद यहां पर सेना की परेड निकाली जाती है. इस दौरान रूप अपनी सामरिक शक्ति का भी प्रदर्शन करता है. वहीं, इस दिन आम रूसी लोग भी मॉस्को की सड़कों पर जमा होते हैं और युद्ध में शहीद हुए अपने परिजनों की तस्वीरें साथ रख कर उन्हें याद करते हैं. इस दिन रूस में राष्ट्रीय अवकाश होता है.

9 मई को नाजी जर्मनी पर रूस को मिली थी जीत
सोवियत संघ की लाल सेना ने 9 मई 1045 को नाजी जर्मनी की सेना को बुरी तरह से पराजित किया था. तभी से हर वर्ष 9 मई को रूस में विक्ट्री डे मनाया जाता है. इस मौके पर मास्को के लाल चौक पर सैन्य परेड का आयोजन किया जाता है. इस दौरान रूसी सेना दुनिया के सामने अपनी महाविनाश ताकत का प्रदर्शन करती है. 

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'पुतिन के पास कई विकल्प हैं मौजूद'
रूसी मामलों के विशेषज्ञ जेम्‍स निक्‍से ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से कहा, '9 मई के दिन को घरेलू जनता को दिखाने, दुश्‍मन को डराने और उस समय के तानाशाह को खुश करने के लिए डिजाइन किया गया है.' पश्चिमी देशों के अधिकारियों का लंबे समय से मानना रहा है कि राष्‍ट्रपति पुतिन विक्ट्री डे के दिन का इस्तेमाल यूक्रेन में एक बड़ी सैन्य सफलता या फिर युद्ध को तेज करने के ऐलान के लिए कर सकते हैं. रूसी राष्‍ट्रपति संकेतों में भरोसा करते हैं. उन्होंने यूक्रेन में सैन्य हमले को फादरलैंड डे के ठीक बाद शुरू किया था जो रूस के लिए काफी अहम है.