कौन होगा पाकिस्तान का अगला सेना प्रमुख!
पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार को व्यस्त रखने वाली राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के बीच सरकार के लिए अपने कार्यकाल की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक का समय नजदीक आ रहा है.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार को व्यस्त रखने वाली राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के बीच सरकार के लिए अपने कार्यकाल की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक का समय नजदीक आ रहा है. अगले सेनाध्यक्ष (सीओएएस) की नियुक्ति वर्तमान सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक होगी, क्योंकि उसे सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा अनुशंसित चार उम्मीदवारों के बीच चयन करना होगा. पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के सूत्रों ने पहले ही अगस्त के अंत तक नियुक्ति पर बंद दरवाजे की चर्चा और संभवत: सितंबर, 2022 के मध्य तक अंतिम निर्णय की ओर संकेत किया है.
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पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243 (3) के अनुसार, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर सेना प्रमुख की सेवाओं की नियुक्ति करता है. रूल्स ऑफ बिजनेस की अनुसूची वी-ए, जोकि प्रधानमंत्री को उनकी मंजूरी के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले मामलों को विस्तृत करती है, में कहा गया है कि सेना में लेफ्टिनेंट-जनरल और अन्य रक्षा सेवाओं में समकक्ष रैंक से ऊपर के पद की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति के परामर्श से की जाएगी.
हालांकि, नियम अन्यथा बने रह सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान में सामान्य प्रथा हमेशा से ही अलग रही है. परंपरा के अनुसार, जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) चार से पांच सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों की एक सूची उनकी व्यक्तिगत फाइलों के साथ रक्षा मंत्रालय को भेजता है, जो फिर इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को एक अधिकारी चुनने के लिए अग्रेषित (आगे बढ़ाना) करता है जो इसके लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है.
भले ही रक्षा मंत्रालय के पास सिफारिशों की समीक्षा करने का अधिकार है, लेकिन यह आम तौर पर जीएचक्यू की सिफारिशों पर कोई सवाल उठाने का प्रयास नहीं करता है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को अग्रेषित करता है. नए सेना प्रमुख की नियुक्ति पीएमएल-एन सरकार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है, क्योंकि शरीफ परिवार इसे कभी भी ठीक नहीं कर पाया है और अतीत में सैन्य अधिग्रहण के माध्यम से इसके परिणाम भुगतने पड़े हैं.
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वर्तमान सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर के अंतिम सप्ताह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. बाजवा की नियुक्ति तीन साल के लिए होनी थी. हालांकि, बाजवा को इमरान खान की तत्कालीन सरकार द्वारा 2019 में तीन साल का अतिरिक्त कार्यकाल दिया गया था. जनरल बाजवा और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने किसी भी अफवाह को खारिज कर दिया है कि उन्हें एक और विस्तार मिल सकता है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बाजवा नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे.
अगले थल सेना प्रमुख के नाम उसी बैच के होते हैं, जबकि लॉट की वरिष्ठता तकनीकी आधार पर निर्धारित की जाती है. इनमें शामिल नाम इस प्रकार हैं: लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर, लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास, लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर.
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