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कोरोना पर चीन को डब्ल्यूएचओ ने दी क्लीनचिट! कैसे पैदा हुआ वायरस, बताई कुछ ऐसी वजह

कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई कैसे और कहां, इस बारे में अभी पता नहीं चल सका है. कुछ देशों ने इस वायरस को इजाद करने के आरोप चीन पर लगाए. हालांकि डब्ल्यूएचओ लगातार चीन का बचाव करने में लगा है.

Updated on: 30 Mar 2021, 11:21 AM

highlights

  • कोरोना पर चीन को डब्ल्यूएचओ ने दी क्लीनचिट!
  • 'कोविड-19 जंतुओं से मनुष्यों में फैलने की आशंका'
  • 'प्रयोगशाला से वायरस फैलने की आशंका बहुत कम'

बीजिंग:

कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया सदमे में हैं. एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद इस महामारी का अंत होता नजर नहीं आ रहा है, बल्कि इसके ठीक उल्टे वायरस का अपना प्रकोप और बढ़ता जा रहा है. साथ ही कोविड के अलग अलग नए स्ट्रेन मिलने से विश्व के सामने और बड़ी चुनौती खड़ी चुकी हैं. लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस वायरस की उत्पत्ति हुई कैसे और कहां से. कुछ देशों ने इस वायरस को इजाद करने के आरोप चीन पर लगाए. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) लगातार चीन का बचाव करने में लगा है. इस बार फिर डब्ल्यूएचओ ने कोरोना पर चीन का पक्ष लेते हुए उसे करीब करीब क्लीनचिट दे दी है.

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कोविड-19 जंतुओं से मनुष्यों में फैलने की आशंका जताई

डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से अन्य जंतुओं के जरिए मनुष्यों में फैला होगा. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि प्रयोगशाला से वायरस फैलने की आशंका बहुत कम है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में यह बात कही गई हैं. समाचार एजेंसी एपी को मिली जांच टीम की मसौदा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. ऐसा में कहा जा सकता है कि डब्ल्यूएचओ कोरोना को लेकर चीन देने में लगा है. यह समझना इसलिए भी अहम हो जाता है कि जांच रिपोर्ट में उम्मीद के अनुसार कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं.

डब्ल्यूएचओ की टीम ने किया था चीन का दौरा

मालूम हो कि कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए कुछ वक्त पहले ही डब्ल्यूएचओ की टीम ने चीन का दौरा किया था. हालांकि चीन बार बार डब्ल्यूएचओ की टीम को अपने यहां आने से रोकता रहा था. हालांकि चीन के वुहान से वायरस के फैलने के एक साल से अधिक समय बाद वायरस की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम आखिरकार इसी साल वुहान पहुंची थी. जिसके बाद फरवरी महीने में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि प्रयोगशाला से कोविड वायरस के लीक होने की संभावना बेहद कम है. साथ ही इस टीम ने कहा कि 'दुर्घटनाएं तो होती रहती' हैं. हालांकि इसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई.

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रिपोर्ट को जारी किए जाने में देरी पर सवाल

रिपोर्ट को जारी किए जाने में लगातार देरी हो रही है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि कहीं चीनी पक्ष जांच के निष्कर्ष को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं कर रहा, ताकि चीन पर कोविड-19 महामारी फैलने का दोष न मढ़ा जाए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह के अंत में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि टीम की रिपोर्ट अगले कुछ दिन में जारी कर दी जाएगी. इतना ही नहीं, डब्ल्यूएचओ की टीम ने प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने के पहलू को छोड़कर अन्य सभी पहलुओं पर आगे जांच करने का प्रस्ताव रखा है.

न्यूज एजेंसी एपी को सोमवार को जेनेवा में स्थित डब्ल्यूएचओ सदस्य देश के राजनयिक की ओर से जांच टीम की रिपोर्ट मिली. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि रिपोर्ट को जारी करने से पहले इसमें बदलाव किया जाएगा या नहीं. हालांकि, राजनयिक की मानें तो यह रिपोर्ट का अंतिम संस्करण है. हालांकि इस संबंध में डब्ल्यूएचओ से संपर्क किया गया, लेकिन उसकी ओर से तत्काल कोई जवाब नहीं मिला. लेकिन अभी अध्ययनकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 नामक कोरोना वायरस की उत्पत्ति की चार परिस्थितियां बताई हैं. जिसमें चमगादड़ों से अन्य जंतुओं में इसका प्रसार हुआ होगा, मुख्य है.