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Morality Police: क्या है नैतिकता पुलिस? जानें ईरान के अलावा किन-किन देशों में है ये व्यवस्था

अरब देश ईरान से बड़ी खबर सामने आई है.

Updated on: 04 Dec 2022, 05:16 PM

highlights

  • झुकी ईरान सरकार, हटाया नैतिकता पुलिस
  • ईरान के अलावा भी कई देशों में मॉरेलिटी पुलिसिंग
  • पश्चिमी देश करते हैं इसका विरोध

New Delhi:

Morality Police: अरब देश ईरान से बड़ी खबर सामने आई है. इस खबर को लेकर पूरी दुनिया में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. दरअसल  ईरान सरकार ने अपनी 'नैतिकता पुलिस' को खत्म कर दिया है. महसा अमीनी की मौत के करीब दो महीने बाद ईरान सरकार को झुकना पड़ा और नैतिकता पुलिस को खत्म किया गया. खुद अटार्नी जनरल मो. जफर मोंटेजरी ने कहा कि, नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना देना ही नहीं है. ऐसे में इसे खत्म कर दिया गया है. हालांकि उनका ये बयान एक धार्मिक सभा के दौरान आया है. बहरहाल इन सबके बीच इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नैतिकता पुलिस क्या है? क्या है ये सिर्फ ईरान में ही था या दूसरे देशों में भी यह व्यवस्था है. आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब. 

क्या है नैतिकता पुलिस (Morality Police)?
नैतिकता पुलिस एक तरह की व्यवस्था है. यह एक ऐसी प्रणाली है जहां समाज के बुनियादी मानकों की निगरानी रखी जाती है. या यूं कहें बुनियादी मानकों का उल्लंघन करने वालों पर खास तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इसमें संस्कृति, रीति-रिवाज और धार्मिक सिद्धांत जैसी चीजें शामिल होती हैं. हालांकि इसी आड़ में कुछ कुरीतियों को भी बढ़ावा दिया जाता है, जिसको लेकर विरोध भी होता रहता है. वहीं इस व्यवस्था के तहत घटना की वकालत करने वाले व्यक्ति के नैतिक चरित्र पर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं.

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नैतिकता पुलिस के ये भी नाम 
नैतिकता पुलिस को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. मॉरेलिटी पुलिसंग हो, गश्त-ए-इरशाद हो या फिर मार्गदर्शन गश्ती. ये सभी नैतिकता पुलिस के ही अलग-अलग नाम है. इनका काम एक ही है. 2006 में इसकी स्थापना राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की ओर से की गई थी. इसका मकसद विनम्रता और हिजाब संस्कृति को फैलाना था. 

इन देशों में है नैतिकता पुलिस
ऐसा नहीं है कि, नैतिकता पुलिस सिर्फ ईरान में ही स्थापित की गई थी. कुछ और भी देश हैं जहां पर मॉरेलिटी पुलिसिंग की व्यवस्था है. इनमें सूडान, सऊदी अरब और मलेशिया प्रमुख रूप से शामिल है. 

सऊदी अरब ने वेस्टर्न कल्चर के असर को कम करने और सदाचार को बढ़ावा देने के मकसद से इसे स्थापित किया था. इसमें ड्रेस कोड जैसे नियमों का महिलाओं को सख्ती से पालन करना होता है. 

वहीं मलेशिया की बात करें तो यहां दो तिहाई मुस्लिम आबादी पर ये व्यवस्था लागू है. खास तौर पर इसको लेकर रमजान के दौरान सख्ती रहती है, यही नहीं इस व्यवस्था के तहत गिरफ्तारी की भी शक्तियां हैं. लेकिन कई बार अधिकारी इस व्यवस्था का दुरुपयोग भी करते हैं.

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