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Ukraine को बोलने दो, हम नहीं लगाने वाले भारत पर बैन: अमेरिका

We are not looking to sanction India, says US : अमेरिका ने यूक्रेन को दो टूक जवाब दिया है कि वो भारत पर कोई कार्रवाई नहीं करने वाला और न ही उसकी मांग पर भारत पर कोई बैन लगाया जाएगा. दरअसल, यूक्रेन के शीर्ष नेताओं में से एक मांग की थी कि भारत रूस से लगातार तेल खरीद कर उसकी मदद कर रहा है.

Updated on: 09 Feb 2023, 12:19 AM

highlights

  • अमेरिका की यूक्रेन को दो टूक
  • भारत पर नहीं लगा रहे कोई बैन
  • भारत हमारा खास पार्टनर

नई दिल्ली:

We are not looking to sanction India, says US : अमेरिका ने यूक्रेन को दो टूक जवाब दिया है कि वो भारत पर कोई कार्रवाई नहीं करने वाला और न ही उसकी मांग पर भारत पर कोई बैन लगाया जाएगा. दरअसल, यूक्रेन के शीर्ष नेताओं में से एक मांग की थी कि भारत रूस से लगातार तेल खरीद कर उसकी मदद कर रहा है. ऐसे में अमेरिका को भारत के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और भारत पर बैन लगा देना चाहिए. लेकिन अब अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो ऐसा सोचता तक नहीं है. क्योंकि भारत उसका अहम सहयोगी है और वो अपनी जरूरतों के हिसाब से चीजों को बिना बिगाड़े अपना काम कर रहा है.

यूक्रेन की मदद करने के लिए भारत की तारीफ

अमेरिका की यूरोपीय और यूरेसियन मामलों की उप सचिव केरेन डोनफ्राइड ने साफ कहा है कि अमेरिका भारत को बैन करने की कोई कार्रवाई नहीं करने वाला.

इस दौरान अमेरिका ने भारत की तारीफ की है कि वो रूस के साथ संबंधों को बैलेंस करते हुए यूक्रेन की मानवीय आधार पर मदद भी कर रहा है. बता दें कि भारत ने यूक्रेन को मेडिकल सहायता लगातार भेजी है. इसके अलावा यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने बड़ा ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान रूस ने यूक्रेनी शहरों पर हमलों को भी रोक दिया था. वहीं, भारत लगातार वैश्विक मंचों पर रूस से हमलों को बंद करने की अपील करता रहा है. 

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भारत लगातार रहा है तटस्थ

अमेरिका की शीर्ष राजनयिकों में शामिल केरेन डोनफ्राइड ने ये बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का रूख बेहद तटस्थ रहा है. वो अपनी जरूरतों के लिए ही रूस से सामान खरीद रहा है. चूंकि रूस के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक समय से रहे हैं, ऐसे में भारत को ऐसा करने से मना भी नहीं किया जा सकता. बता दें कि भारत ने रूस के साथ संबंधों पर पश्चिमी देशों को आड़े हाथों लिया था. भारत ने कहा था कि वो जितना तेल एक महीने में लेता है, रूस से उतना तेल यूरोपीय देश हर दिन लेते हैं.