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युद्ध अफगानिस्तान के राजनीतिक संघर्षों का समाधान नहीं

युद्ध अफगानिस्तान के राजनीतिक संघर्षों का समाधान नहीं

Updated on: 09 Jul 2021, 02:52 PM

तेहरान:

काबुल सरकार और तालिबान के सदस्यों द्वारा भाग लिए गए एक संवाद के समापन पर जारी बयान में कहा गया कि युद्ध अफगानिस्तान के राजनीतिक संघर्षों का समाधान नहीं है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में दशकों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास में इस दो दिवसीय संवाद को आयोजित किया गया था।

गुरुवार की रात बैठक के अंत में जारी बयान में युद्धरत पक्षों ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए ईरान के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।

अफगान सरकार और तालिबान इस बात पर सहमत हुए कि युद्ध जारी रहने से देश के हितों को नुकसान होगा और उन्हें संबंधित पक्षों के बीच मतभेदों के राजनीतिक और शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।

बयान में आगे कहा गया, उन्होंने उन मुद्दों पर चर्चा करने का भी निर्णय लिया, जिन्हें आगे परामर्श की आवश्यकता है जैसे कि युद्ध से स्थायी शांति और अफगानिस्तान में इस्लामी व्यवस्था के प्रसार के लिए एक तंत्र की स्थापना। इसके अलावा, जल्द से जल्द आयोजित होने वाली अगली बैठक के दौरान लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीकों के बारे में बात की गई।

लोगों के घरों, कार्यालयों, मस्जिदों, अस्पतालों और सार्वजनिक संस्थानों को निशाना बनाने वाले हमलों की निंदा करते हुए पक्षों ने अपराधियों को सजा देने की मांग की।

ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने गुरुवार को अफगान राजनीतिक दलों के बीच मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया।

रीफ ने अंतर-अफगान संवाद के अंत में कहा, शांति के लिए त्याग और क्षमा की भावना होनी चाहिए, अधिकतम मांगों से बचना चाहिए और दूसरे पक्ष की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। मैं आपसे (अफगान पार्टियों) मांग करता हूं कि इस अवसर का लाभ उठाएं और जल्द से जल्द अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करें और अफगानिस्तान के लोगों को विकास का अवसर प्रदान करें।

उन्होंने कहा कि ईरान अफगान पक्ष की इच्छानुसार किसी भी तरह से वार्ता को जारी रखने के लिए तैयार है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.