नेपाल के नए नक्शे को लेकर कल संसद में चर्चा के बाद होगा मतदान

गिरी का मानना है कि बिना पर्याप्त सबुत और दस्तावेज के सरकार ने एकतरफा नक्शा जारी कर गलत किया है. हालांकि सरिता गिरि के द्वारा यह कदम उठाने पर उनके खिलाफ उनकी ही पार्टी ने निष्कासन की चेतावनी दी है.

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Ravindra Singh
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नेपाल संसद( Photo Credit : फाइल)

भारत के भूभाग को अपने नक्शे में शामिल कर संविधान संशोधन का प्रस्ताव संसद में रखने के बाद शनिवार को मतदान कराने की तैयारी है. संसद में संविधान संशोधन के जरिए इसको वैधानिकता देने के लिए इस पर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से इस पर बहस कराने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया गया है. यद्यपि शनिवार को अवकाश का दिन होता है, फिर भी सरकार ने शनिवार को सदन की कार्यवाही चलाकर इस संविधान संशोधन पर बहस कराने और मतदान कराने का निर्णय किया है. सांसदों को 72 घंटे का समय‌ दिया गया था ताकि अगर किसी सांसद को सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर अपना कोई संशोधन डालना हो तो ऐसा कर सकते हैं.

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अब तक‌ सिर्फ‌ एक सांसद सरिता गिरि ने सरकार के संशोधन प्रस्ताव के खिलाफ अपना संशोधन रखा है. समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने सरकार के प्रस्ताव को संविधान के विपरीत बताते हुए इसे वापस करने की मांग की है. गिरी का मानना है कि बिना पर्याप्त सबुत और दस्तावेज के सरकार ने एकतरफा नक्शा जारी कर गलत किया है. हालांकि सरिता गिरि के द्वारा यह कदम उठाने पर उनके खिलाफ उनकी ही पार्टी ने निष्कासन की चेतावनी दी है.

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विवादित नक्शे पर भारत जारी कर चुका है बयान
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने नेपाल के नये मानचित्र में उत्तराखंड के कालापानी, धारचुला और लिपुलेख को शामिल करने के मुद्दे को लेकर नेपाल सरकार के समक्ष अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है और आशा व्यक्त की कि पड़ोसी देश दोनों देशों के सांस्कृतिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों का खयाल रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन माध्यम से साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल पर कहा, ‘हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है . भारत, नेपाल के साथ अपने सभ्यता से जुड़े सांस्कृतिक और दोस्ताना संबंधो को काफी महत्व देता है.’

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दोनों देशों में हाल के वर्षों में बढ़ी द्विपक्षाय साझेदारी
उन्होंने कहा कि हमारी बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है और उनका विविधीकरण हुआ है . इसमें भारत सरकार की तरफ से नेपाल को मानवीय सहायता देना, विकास और परियोजना सम्पर्क में मदद शामिल है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्र में कोविड-19 से निपटने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साझा रणनीति के तहत भारत ने हाल ही में नेपाल सहित सभी मित्रवत पड़ोसी देशों तक पहुंच स्थापित की है.

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