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जलेंस्की का बयान, रूस के लोगों को गुलामी और आजादी में से चुनना होगा  

यूक्रेन के राष्ट्र​प​ति वोलोडिमिर जेलेंस्की इस समय पसापेश में हैं. उन्हें उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO-नाटो) से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. 

Updated on: 06 Mar 2022, 06:36 PM

highlights

  • रूसी हमले का आज 11 वां दिन है
  • ये भावुक अपील रूसी जनता के लिए है जो यूक्रेन में रह रहे हैं

नई दिल्ली:

यूक्रेन के राष्ट्र​प​ति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) इस समय पसापेश में हैं. यूक्रेनी जनता  और उसके सैनिक युद्ध के मैदान में डटे हुए हैं. वे रूसी सेना से लोहा ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO-नाटो) की ओर से यूक्रेन को कोई मदद नहीं मिल रही हैं. ऐसे में जेलेंस्की लगातार अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बयान दे रहे हैं. उनका कहना है कि रूस के लोगों को चुनने का अधिकार है. इन्हें गुलामी और आजादी में से चुनना होगा. ये भावुक अपील रूसी जनता के लिए है जो यूक्रेन में रह रहे हैं. गौरतलब है कि रूसी हमले का आज 11 वां दिन है.  जेलेंस्की का दावा है कि रूस की ओर से विनित्सया एयरपोर्ट पर आठ मिसाइलें दागी गई हैं।

कीव पर कब्जे के लिए रूसी सेना का हमला लगातार तेज होता जा रहा है. ऐसा लगाता है ​कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के हर शहर पर हमले का मन बना चुके हैं. इन हमलों से जेलेंस्की निडरता तो दिखा रहे हैं. मगर नाटो सेना द्वारा उन्हें कोई मदद न मिलने से वे मायूस हैं. 

हाल ही में यूक्रेन को नो फ्लाई जोन (No-fly zone) घोषित करने से इनकार करने पर राष्ट्रपति जेलेंस्की उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) पर भड़क गए थे. उनका कहना है कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने ऐसा न करके अब रूसी हमलों को हरी झंडी दिखा दी है. शुक्रवार को एक वीडियो में  जेलेंस्की ने कहा कि यह जानते हुए कि रूस नए हमले करेगा और उसमें लोगों की जान जाएगी, इसके बावजूद नाटो ने जानबूझकर यूक्रेन के ऊपर उड़ानों को बंद करने का फैसला नहीं लिया. NATO ने यूक्रेनी शहरों और गांवों पर और अधिक रूसी  बमबारी के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है. 

नाटो का कहना है कि वह नो फ्लाई जोन लागू नहीं करेगा. उसका कहना है कि सैन्य गठबंधन यूक्रेन में ‘नो फ्लाई जोन’ को लागू नहीं कराएगा, क्योंकि इस तरह के कदम से परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ यूरोप में एक बड़ी जंग भड़क जाएगी. इसमें कई और देश शामिल हो सकते हैं और काफी अधिक मानवीय त्रासदी होगी.