logo-image

पुतिन का ब्रह्मास्त्र जिसने यूक्रेन को किया परास्त, जानें क्या है रणनीति

छह साल पहले जब रूस ने सीरिया में असद के साथ मिलकर बगदादी के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था, उसी की तर्ज पर अब पुतिन ने यूक्रेन में जंग छेड़ दी है.

Updated on: 16 Mar 2022, 02:46 PM

highlights

  • क्या है पुतिन का वो प्लान, जिसने जेलेंस्की की नींद हराम कर दी है
  • रूस लगातार यूक्रेन में रिहाइशी इमारतों को जमींदोज कर रहा है

नई दिल्ली:

यूक्रेन (Ukraine) को घुटनों के बल लाने के लिए पुतिन (Russia President Vladimir Putin) ने अब ऐसा ब्रह्मास्त्र चला दिया है, जिसके आगे जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelenskyy) फौज को सरेंडर करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. छह साल पहले जब रूस ने सीरिया में असद के साथ मिलकर बगदादी के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था, उसी की तर्ज पर अब पुतिन ने यूक्रेन में जंग छेड़ दी है. जिस रणनीति के तहत रूस ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट को तबाह किया उसी प्लान से रूस अब यूक्रेन में तबाही मचा रहा है. क्या है पुतिन का वो प्लान, जिसने जेलेंस्की की नींद हराम कर दी है. जिसकी काट खोजने में जेलेंस्की को पसीना आ रहा है. 5 प्वाइंट वाली रणनीति आपको समझाते हैं.

1. स्कूल-कॉलेज पर टारगेट

जिस तरह सीरिया में बगदादी के खिलाफ ऑपरेशन में असद सरकार के साथ मिलकर रूस ने स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को टारगेट किया था. उसी तरह यूक्रेन में रूसी आर्मी ने स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर मिसाइल अटैक किए. खारकीव की नेशनल यूनिवर्सिटी को  रूस की सेना ने खंडहर में तब्दील कर दिया. जबकि यूक्रेन का दावा है कि रूस ने कुल 379 शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद कर दिया है.

2. अस्पतालों पर मिसाइल अटैक

जो अस्पताल लोगों की जिंदगी बचाने के लिए बनाए जाते गए थे, उन हेल्थ केयर सेंटर को भी रूस की सेना ने तहस नहस कर दिया है. जंग के बीच ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें अस्पतालों की इमारत पर मिसाइल हमला किया गया. खारकीव, मेलिटोपोल, मारियुपोल और कीव समेत तमाम शहरों में रूस ने अस्पतालों को खाक में मिला दिया. डब्ल्यूएचओ के अनुसार  यूक्रेन में रूस की सेना ने कुल 31 हेल्थकेयर सेंटर पर हमले किए हैं.

3. कई रिहाइशी इमारतें तबाह

रूस लगातार यूक्रेन में रिहाइशी इमारतों को जमींदोज कर रहा है. ऐसा कोई शहर नहीं है, जहां रूस ने रिहाइशी इमारतों को तबाह नहीं किया हो. कुछ ऐसी ही रणनीति रूस ने तब अपनाई थी, जब सीरिया में बगदादी के लड़ाके रिहाइशी इलाके में छिपे हुए थे. तब रूस ने हजारों किलोमीटर दूर से उन ठिकानों पर मिसाइल दागी थी. जिसका नतीजा ये हुआ था कि सीरिया में बगदादी के आतंक की कमर टूट गई थी. और इसी रणनीति के कारण असद की सेना इस्लामिक स्टेट पर भारी पड़ी थी. अब यूक्रेन में रूस उसी प्लान को  लागू कर रहा है. जिसके तहत कई रिहाइशी इमारतों को उसने ध्वस्त कर दिया है. युद्ध के शुरू होने के बाद लगातार ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें ऊंची-ऊंची इमारतों को रूसी सेना ने मलबे में तब्दील कर दिया है. यूक्रेन का दावा है कि अकेले खारकीव में रूस ने 600 से ज्यादा रिहाइशी इमारतों पर अटैक किया है. जबकि राजधानी कीव में भी कई बिल्डिंग्स को तबाह कर दिया.

4. एक-एक शहर जीतने का प्लान

रूस ने एक साथ यूक्रेन के सभी शहरों पर हमला नहीं किया. उसने एक-एक शहर पर कब्जा करने का प्लान बनाया और फिर उसी रणनीति के तहत मिसाइलों से हमले किए. सबसे पहले उसने लोहांस्क और डोनेस्ट्क को स्वंतंत्र इलाका घोषित किया, ताकि यूक्रेन पर दबाव बना सके. इसके बाद रूस ने उन शहरों पर ताबड़तोड़ हमले किए, जो यूक्रेन के बड़े शहर थे. जहां हमला होते ही यूक्रेन परेशान हो उठा. ये ठीक उसी तरह किया गया हमला है, जैसा रूस ने असद सरकार के साथ मिलकर सीरिया में अंजाम दिया था. 2016 में सीरिया में बगदादी के खिलाफ रूस ने जब मोर्चा संभाला था तो उसने शहरों में छिपे बगदादी के आतंकियों को टारगेट किया. रिहाइशी इलाकों से इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को बाहर निकाला और फिर मौत के घाट उतार दिया. इसी रणनीति के कारण रूस अब यूक्रेन के शहर को जीतने में लगा है.

5. केमिकल हथियारों से अटैक

जिन हथियारों के दम पर रूस ने सीरिया में आईएसआईएस का सफाया किया था. ठीक वैसी ही तकनीक यूक्रेन में रूस अपना रहा है. माना जाता है कि सीरिया में 85 बार केमिकल हथियारों का इस्तेमाल हुआ था. अगस्त 2013 में सीरिया के घौटा में भी केमिकल अटैक हुआ था, जिसमें 1700 से अधिक लोग मारे गए थे. ऐसा कहा जा रहा है कि इस हमले के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए थे, उनके मुंह और नाक से झाग निकल रहा था और बाद में उनकी मौत हो गई थी. रूस की रणनीति को समझने वाले थींक टैंक की माने तो ये रूस के प्लान का हिस्सा था, जिसे फॉल्स फ्लैग कहा जाता है. इसमें एक खास तरह का डर या खौफ का माहौल तैयार किया जाता है. इसमें खतरनाक केमिकल वेपन्स के इस्तेमाल का डर दिखाया जाता है. कहा जा रहा है कि सीरिया की तरह यूक्रेन में भी इस फॉल्स फ्लैग का इस्तेमाल हो रहा है. जहां अमेरिका, ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों को चिंता है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आशंका जताई थी कि यूक्रेन में लंबी खींचती जंग से बौखलाकर रूस केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि रूस सीरिया की तरह यूक्रेन में भी इन आरोपों को खारिज करता रहा है.