विक्टर ओर्बन ने पांचवीं बार हंगरी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को संसद को संबोधित करते हुए विक्टर ने आगाह किया, कि मुश्किल समय आने वाला है। उन्होंने कहा कि दशक कोविड-19 महामारी के साथ शुरू हुआ और रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ खत्म हुआ।
उन्होंने कहा, युद्ध और यूरोपीय प्रतिबंधों के कारण ऊर्जा संकट पैदा हो गया है। जिसके चलते महंगाई दर बढ़ गई है और आर्थिक गिरावट होने लगी है।
हंगरी के नेता ने कहा कि यूक्रेन ने अपने राजनीतिक विरोधियों का समर्थन किया, बावजूद इसके हमारी सरकार यूक्रेन की मदद करने के लिए हमेशा आगे रही है।
उन्होंने यूरोपीय संघ की भी आलोचना की, जिसका हंगरी 2004 से एक सदस्य रहा है।
यूरोपीय आयोग के साथ उनकी सरकार के कई विवादों का जिक्र करते हुए ओर्बन ने कहा, ब्रुसेल्स हर दिन अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करता है और हम पर उन चीजों को थोपने की कोशिश करता है, जो हमारे लिए खतरनाक हैं।
उन्होंने आगे कहा, बावजूद इसके, यूरोपीय संघ में बने रहना हमारे हित में है।
ओर्बन ने 1998 से 2002 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला और फिर 2010 से लगातार अब तक वह पीएम पद पर आसीन हैं।
उनकी पार्टी गठबंधन को 3 अप्रैल के संसदीय चुनावों में 54 प्रतिशत वोट मिले। जिसके चलते वह संसद में 199 में से 135 सीटें हासिल करने में कामयाब रहे।
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Source : IANS