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फोटो- ट्विटर
उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू का मानना है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए ये जरूरी है के दुनियाभर के देश एक साथ आकर उन देशों को अलग-थलग करें जो आतंकवाद को पनपने में मदद करते हैं. दरअसल एम वैंकेया नायडू 17 से 21 अगस्त तक बाल्टिक देशों (लिथुआनिया, लातविया, और एस्तोनिया ) की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने शनिवार को लिथुआनिया में वहां के राष्ट्रपति गीतानस नोसदा के साथ संयुक्त बयान में कहा कि, आज दुनिया के सामने आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है. इसका मुकाबला करने के लिए दुनियाभर के देशों को एक साथ आना होगा और आतंकवाद को पनपने में मदद करने वाले देशों को अलग-थलग करना होगा.
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इसी के साथ नायडू ने ये भी बताया कि भारत ने लिथुआनिया के नागरिकों के लिए ई-विसा सुविधा को बढ़ा दिया है. वैंकेया नायडू के लिथुआनिया दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, कृषि कानूनी सहयोग से जुड़े तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी.
Strengthening ties rooted in trust and mutual understanding.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) August 17, 2019
VP @MVenkaiahNaidu and the President of #Lithuania led the delegation level talks, the two sides expressed their mutual commitment to further build on long-standing civilisational ties between our two countries. pic.twitter.com/q1xHQ93tre
बता दें, अपनी पांच दिवसीय दौरे के दौरान वैंकेया नायडू सबसे पहले शनिवार को लिथुयानिया गए थे जहां विदेश मंत्री और लिथुआनिया में भारतीय राजदूत समेत कई अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वे प्रेसिडेंशियल पैलेस गए जहां राष्ट्रपति नोसदा ने उनका स्वागत किया और फिर दोनों ने आमने-सामने द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की.
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बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने और वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही लिथुआनिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भी भारत का समर्थन किया है.