पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (imran khan) ने कहा कि सरकारी कल्याणकारी परियोजनाओं पर धन के बेहतर उपयोग के लिए कीमती सरकारी संपत्ति बेची जाएगी. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने बुधवार को विभिन्न मंत्रालयों और संघीय विभागों के स्वामित्व वाली कई संपत्तियों के उपयोग को लेकर एक बैठक की. इस बैठक के दौरान खान ने चेतावनी दी कि गैर-उपयोग की गई सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों की पहचान में बाधा उत्पन्न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अतीत में सरकारी संपत्तियों का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल न करने से आपराधिक लापरवाही सामने आई है.
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खान ने संपत्ति प्रबंधन समिति, संबंधित संघीय मंत्रालयों और प्रांतीय सरकारों को एक सप्ताह के अंदर इस तरह की संपत्ति की पहचान करने के निर्देश जारी किए, ताकि उनके उचित उपयोग पर निर्णय लागू किया जा सके.
निजीकरण आयोग के सचिव रिजवान मलिक ने कहा कि संघीय कैबिनेट के फैसलों के तहत, फरवरी से मार्च के महीनों के दौरान प्रत्येक मंत्रालय को कम से कम तीन ऐसी संपत्तियों की पहचान करने का काम सौंपा गया है.
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पहले चरण में विभिन्न मंत्रालयों ने अब तक 32 ऐसी संपत्तियों की पहचान की है.
पाकिस्तान भले ही कंगाली से जूझ रहा हो, लेकिन उसका पाकिस्तान राग बंद नहीं हुआ है. पाकिस्तान की संसद में कश्मीर मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर का मसला किसी राजनैतिक दल का नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान का मसला है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष का रुख समान है लेकिन भारत में इस मामले में सरकार और विपक्ष का रुख एक-दूसरे से अलग है. पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में विदेश मंत्री ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों के जवाब में यह बात कही.
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बुधवार को हुई चर्चा में मुस्लिम लीग (नवाज) के सांसद अहसन इकबाल ने सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि प्रधानमंत्री इमरान खान सदन को यह बताएं कि कश्मीर पर क्या कदम उठाए गए, देश के कितने मंत्री दुनिया में कश्मीर मुद्दे को उठा रहे हैं, इस्लामी दुनिया का देश (पाकिस्तान) बेबस क्यों है और हम भारत पर दबाव क्यों नहीं डाल पा रहे हैं.
Source : आईएनएस