जम्मू कश्मीर पर मची रार के बीच अमेरिका ने जताई चिंता, जबकि पाकिस्तान कर रहा ये काम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के सारे बड़े नेताओं को नजरबंद कर लिया था इसके बाद आर्टिकल 370 और 35ए को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था.
highlights
- अमेरिका (USA) ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पर लगी पाबंदियों और नेताओं के नजरबंद होने के मुद्दे पर चिंता जताई है.
- 5 अगस्त 2019 के बाद से ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख के ज्यादातर इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी.
- दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य के प्रधान सहायक सचिव, एलिस वेल्स की ओर से राज्य में सभी कुछ फिर से सामान्य होने की बात कही गई है.
वाशिंगटन:
अमेरिका (USA) ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पर लगी पाबंदियों और नेताओं के नजरबंद होने के मुद्दे पर चिंता जताई है. 5 अगस्त 2019 के बाद से ही जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) के ज्यादातर इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 9 जनवरी को ही अमेरिका सहित 15 देशों के दूतों ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था जिसके बाद यूएस के विदेश विभाग की तरफ से जम्मू कश्मीर के कई मुद्दों पर चिंता जताई गई है.
अमेरिका के विदेश विभाग जो कि दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों को देखता है, ने अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी दी थी कि अमेरिका जम्मू कश्मीर गए अपने राजदूत Keneth Juster और उनके साथ वहां गए सभी राजदूतों पर खास नजर बनाए हुए है.
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दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य के प्रधान सहायक सचिव, एलिस वेल्स की ओर से राज्य में सभी कुछ फिर से सामान्य होने की बात कही गई है. अमेरिका के मुताबिक जम्मू कश्मीर में अमेरिका सहित अन्य दूतों का जाना एक महत्वपूर्ण कदम है. अमेरिका ने राज्य (J&K) में इंटरनेट के बंद होने और सभी बड़े नेताओं के नजरबंद होने पर चिंता जताई है.
इस दौरे में सभी दूतों ने कश्मीर घाटी के लोगों से मुलाकात की, वहां के राजनीतिक प्रतिनिधियों सहित सिविल सोसाइटी के लोगों से भी मुलाकात की. इसी के साथ भारत के सैन्य अधिकारियों से भी मुलाकात की है, साथ ही साथ इन अफवाहों पर भी स्थिति साफ हुई कि ये एक गाइडेड टूर था.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के सारे बड़े नेताओं को नजरबंद कर लिया था इसके बाद आर्टिकल 370 और 35ए को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था. आर्टिकल 370 और 35ए के हटाने के बाद मोदी सरकार ने दोनों ही जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया था. पाकिस्तान 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के लिए भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की असफल कोशिश करता रहा है.
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