दक्षिणी चीन सागर के पास पहुंचा अमेरिकी युद्धपोत, चीन ने रवाना किए लड़ाकू विमान

सिक्किम की सीमा को लेकर भारत के साथ उलझे चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है। रविवार को एक अमेरिकी युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के पास पहुंचा, जिसे चीन अपना समुद्री क्षेत्र बताता रहा है।

सिक्किम की सीमा को लेकर भारत के साथ उलझे चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है। रविवार को एक अमेरिकी युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के पास पहुंचा, जिसे चीन अपना समुद्री क्षेत्र बताता रहा है।

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Abhishek Parashar
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दक्षिणी चीन सागर के पास पहुंचा अमेरिकी युद्धपोत, चीन ने रवाना किए लड़ाकू विमान

दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी युद्धपोत (फाइल फोटो)

सिक्किम की सीमा को लेकर भारत के साथ उलझे चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है। रविवार को एक अमेरिकी युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के पास पहुंचा, जिसे चीन अपना समुद्री क्षेत्र बताता रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने हालांकि इसे समुद्री क्षेत्र में बिना रोक-टोक घूमने की आजादी बताया है।

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अमेरिका का युद्धपोत 'यूएसएस स्टीथम' छोटे से द्वीप ट्रिटन से 12 नॉटिकल माइल की यात्रा करते हुए पैरासेल द्वीप समूह के ट्राइटॉन द्वीप के पास पहुंंचा, जिसे ताइवान और वियतनाम अपना क्षेत्र बताते हैं। अमेरिका का यह ऑपरेशन चीन के लिए उकसावे की कार्रवाई हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से यह दूसरी बार है जब अमेरिकी युद्धपोत दक्षिणी चीन सागर में शामिल हुआ है।

जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन ने भी इस इलाके में अपने सैन्य पोत को रवाना कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'चीन ने अमेरिकी युद्धपोत को चेतावनी देने के लिए सैन्य पोत और लड़ाकू विमानों को रवाना कर दिया है।' 

पहली बार 25 मई को यूएसएस डेवी मिसचीफ रीफ से 12 नॉटिकल दूर चली गई थी।

चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र को अपना इलाका मानता है। हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम इस क्षेत्र पर चीन के अधिकार को खारिज करते रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोई देश अपनी समुद्री सीमा के 12 नॉटिकल माइल को ही अपना क्षेत्र बता सकता है।

ताइवान को हथियार बेचे जाने के फैसले के बाद से अमेरिका और चीन के संबंधों में तनाव बढ़ा हुआ है। पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने इस सौदे को मंजूरी दी है।

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अमेरिकी युद्धपोत वैसे समय में दक्षिणी चीन सागर में दाखिल हुआ है, जब चीन भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। गौरतलब है कि 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के बाद पहली बार इस इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच इतने लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है।

साल 2013 में जम्मू-कश्मीर के लद्दाख डिविजन के दौलत बेग ओल्डी इलाके में दोनों देशों की सेना करीब 21 दिनों तक आमने-सामने रही थी। हालांकि भारतीय सेना ने उन्हें वापस खदेड़ दिया था।

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HIGHLIGHTS

  • सिक्किम की सीमा को लेकर भारत के साथ उलझे चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है
  • रविवार को एक अमेरिकी युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के पास से गुजरा, जिसे चीन अपना समुद्री क्षेत्र बताता रहा है

Source : News Nation Bureau

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