अमेरिका के उपराष्ट्रपति कार्यालय का कर्मचारी कोरोना वायरस से पीड़ित

अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की टीम का एक सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. इसके साथ ही व्हाइट हाउस के कर्मचारी में इस संक्रमण का यह पहला मामला है.

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Sunil Mishra
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अमेरिका के उपराष्ट्रपति कार्यालय का कर्मचारी कोरोना वायरस से पीड़ित( Photo Credit : ANI Twitter)

कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने कई दशकों के सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट से लड़ने के लिए अपने आपात और राहत कदमों को शुक्रवार को तेज कर दिया. कोरोना वायरस से अमेरिका में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार शाम तक इस जानलेवा विषाणु ने 230 से अधिक अमेरिकियों की जान ले ली और संक्रमित लोगों की संख्या 18,000 को पार कर गई है जिनमें 50 घंटों से भी कम समय में 10,000 से अधिक नए मामले शामिल हैं. इस बीच, अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की टीम का एक सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. इसके साथ ही व्हाइट हाउस (White House) के कर्मचारी में इस संक्रमण का यह पहला मामला है.

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उपराष्ट्रपति की प्रेस सचिव कैटी मिलर ने एक बयान में कहा, ‘‘आज हमें सूचना मिली कि उपराष्ट्रपति के कार्यालय का एक सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है.’’ उन्होंने कहा कि न तो राष्ट्रपति और न ही उपराष्ट्रपति इस सदस्य के करीबी संपर्क में रहे. ट्रम्प प्रशासन ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है और अपने सशस्त्र बलों को कोरोना वायरस से लड़ने के काम में लगा दिया जो अब जंगल की आग की तरह फैल रहा है. न्यूयॉर्क, वाशिंगटन और कैलिफोर्निया इस संक्रामक रोग से सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं. वाशिंगटन में अब तक सबसे अधिक 74 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमित लोगों की संख्या 1400 से अधिक पहुंच गई है.

न्यूयॉर्क में 39 लोगों की मौत और 7,010 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. कैलिफोर्निया में 21 लोग जान गंवा चुके है और 1,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं. करीब चार करोड़ की आबादी वाले राज्य ने सभी को घरों में रहने का आदेश दिया है. देश में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला कैलिफोर्निया का योशमिते राष्ट्र उद्यान कोरोना वायरस संकट के कारण पर्यटकों के लिए शुक्रवार को बंद कर दिया गया. न्यूयॉर्क ने भी अपने निवासियों को जितना संभव हो सके उतना घर में रहने का आदेश दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि वह वेंटिलेटर्स और मास्क का उत्पादन बढ़ाने के लिए कोरिया युद्ध काल के कानून के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करना शुरू करेंगे.

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उन्होंने कहा, ‘‘मैंने रक्षा उत्पादन अधिनियम बहाल कर दिया है और गत रात हम तैयारी में जुट गए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम छोटे उद्योगों और राज्यों को ऐतिहासिक सहयोग मुहैया करा रहे हैं..हमने वह कानून लागू कर दिया है जिसमें नियोक्ताओं पर बोझ डाले बिना कर्मचारियों के लिए सवैतनिक अवकाश की गारंटी है. हम दवाई के नए उपचार का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं. हम कड़ी मेहनत कर रहे परिवारों को सीधा भुगतान करने के लिए एक कानून पर काम कर रहे हैं.’’ अमेरिका 21 मार्च से सभी गैर आवश्यक यात्राओं के लिए मैक्सिको और कनाडा के साथ अपनी सीमा बंद करेगा.

साथ ही अमेरिका ने कहा कि वह मैक्सिको के साथ लगती दक्षिणी सीमा पर पकड़े गए विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजेगा. इनमें कोरोना वायरस के कुछ संदिग्ध मरीज भी हैं. इनमें से बड़ी संख्या में लोग मैक्सिको और अन्य लातिन अमेरिकी देशों से हैं जबकि अन्य लोग भारत समेत दुनियाभर के बताए जा रहे हैं. ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने छात्रों द्वारा लिए कर्ज पर सभी ब्याज को अस्थायी तौर पर माफ कर दिया है. देशभर में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए डॉक्टर और नर्सें लगातार बिना रुके काम कर रहे हैं.

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ट्रम्प ने बताया कि नागरिक और गिरजाघर जरूररमंदों को भोजन खिला रहे हैं. वहीं, अमेरिका ने घातक कोरोना वायरस पर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ सूचना साझा करने में ‘‘विलंब’’ के लिए चीन की आलोचना की. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें फौरन जानने की जरूरत थी. दुनिया को जानने का हक है. चीन सरकार को दुनिया में सबसे पहले इस खतरे के बारे में पता चला और इससे उन पर दायित्व बढ़ता है कि वह हमारे वैज्ञानिकों, पेशेवरों के साथ जानकारी साझा करें.’’ दूसरी ओर अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजर ने पत्रकारों का बताया कि चीन ने जनवरी में कोरोना वायरस के बारे में उनके देश को सूचित किया था. अजर ने कहा, ‘‘चीन के वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ को सूचित करने के दो हफ्तों के भीतर हमने वुहान से आ रहे यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी. तब चीन में केवल 45 मामले सामने आए थे. जैसे ही महामारी फैली तो राष्ट्रपति ने चीन, ईरान और यूरोप से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगा दी. हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्रयासों से विषाणु को हमारे देश में कम फैलने में मदद मिली.’’

ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा कि उनके चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. उन्होंने दोहराया कि कोरोना वायरस चीन से आया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह चीन से आया और अनियंत्रित हो गया. कुछ लोग दुखी हैं. मैं राष्ट्रपति शी को जानता हूं. वह चीन को प्यार करते हैं. वह अमेरिका का सम्मान करते हैं और मैं कहूंगा कि मैं चीन और राष्ट्रपति शी का बहुत आदर करता हूं.’’ साथ ही अमेरिका ने कोरोना वायरस पर उसके खिलाफ कथित ‘‘दुष्प्रचार अभियान’’ चलाने के लिए रूस, चीन और ईरान को जिम्मेदार ठहराया और अपने नागरिकों से सोशल मीडिया पर इसके बारे में जागरूक रहने का अनुरोध किया.

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इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी के दो प्रभावशाली सांसदों ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर से कोरोना वायरस पर कथित तौर पर पर्दा डालने के लिए दुष्प्रचार करने और उसके पूरे इतिहास को मिटाने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया है. अमेरिकी सांसदों ने चीन निर्मित दवाइयों पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए दोनों सदनों में एक विधेयक पेश किया है. उन्होंने दलील दी कि कोरोना वायरस संकट ने इस संबंध में अमेरिका की कमजोरी को उजागर कर दिया है.

Source : Bhasha

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