डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा पर जारी की नयी गाइडलाइंस, कहा अमेरिकियों से ना करें भेदभाव
अमेरिकी सरकार की इस कोशिश में वहां की न्यायपालिका का भी साथ मिल गया है। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने H-1B वीजा के लिए आवेदन देने वाली कंपनियों को सख़्त लहजे में हिदायत दी है कि कंपनियां अमेरिकी लोगों के साथ भेदभाव न करें।
नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने H-1B वीजा जारी करने के नियमों में सख़्ती बरतना शुरु कर दिया है। अमेरिका की नयी सरकार का मानना है कि पिछली सरकारों ने एच-1बी वीज़ा नियमों में लापरवाही बरती है जिसके चलते इसकी प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ी ज़रुर है।
अमेरिकी सरकार की इस कोशिश में वहां की न्यायपालिका का भी साथ मिल गया है। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने H-1B वीजा के लिए आवेदन देने वाली कंपनियों को सख़्त लहजे में हिदायत दी है कि कंपनियां अमेरिकी लोगों के साथ भेदभाव न करें।
सिविल राइट्स डिविजन के ऐक्टिंग असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल टॉम वीइलर ने कहा, 'जस्टिस डिपार्टमेंट अमेरिकी वर्करों के प्रति भेदभाव के लिए एच-1बी वीज़ा प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वाली कंपनियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।'
उन्होंने कहा, 'अमेरिकी वर्कर्स को अनचाही स्थिति में नहीं रखना चाहिए और डिपार्टमेंट इन शिकायतों पर तहे दिल से जांच करेगा और दोषियों को दंडित करेगा।'
वीजा जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी एजेंसी यूएससीआईएस ने भी H-1B वीजा आवेदनों पर विचार करने के आधिकारिक नियमों को सख्त करने संबंधित एक अधिसूचना अलग से जारी की है।
इसमें आवेदनकर्ता को अनिवार्य रूप से ज्यादा साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए गए है जिससे यह साबित हो सके कि आवेदनकर्ता किसी ख़ास जॉब के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं या नहीं, इसके लिए सिर्फ उस व्यक्ति की डिग्री न दिखाई जाए।
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हालांकि यह नियम पिछले करीब दो दशकों से लागू है, बावजूद इसके अमेरिका की नई सरकार को लगता है कि इन नियमों को बहुत हल्के में लिया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, इससे वो आवदेकों वीजा प्रोग्राम का ग़लत लाभ नहीं उठा पाएंगे और जो सच में जॉब के लिए उपयुक्त हैं वहीं इसका लाभ ले पाएंगे।एच-1बी वीजा प्रोग्राम के कथित दुरुपयोग पर ट्रंप प्रशासन की यह कड़ाई साल के H-1B वीजा ऐप्लिकेशन सीजन के शुरूआत से ही शुरु हो गई है।
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यूएससीआईएस ने अगले वित्त वर्ष के लिए सोमवार, 3 अप्रैल से वीजा आवेदन लेने शुरू किया है। अमेरिका सालाना 85,000 एच-1बी वीज़ा आवेदन जारी करता है जिनमें सें भारत की आईटी कंपनियों में काम करने वाले भारतीय ही ज़्यादा दिलचस्पी लेते हैँ।
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