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सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के समर्थन में आए अमेरिकी राष्ट्रपति

भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लगता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलनी चाहिए.

Updated on: 25 Sep 2021, 12:40 PM

highlights

  • भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यह जानकारी दी
  • फिलहाल सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं
  • मोदी और बाइडेन के बीच कई मुद्दों पर हुई चर्चा

 

वाशिंगटन:

भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लगता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलनी चाहिए. बिडेन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद एक विशेष संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हमारी अध्यक्षता की सराहना की गई है, खासकर अफगानिस्तान मुद्दे पर. श्रृंगला ने यह भी कहा कि दोनों नेता स्वीकार करते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा रणनीतिक हितों के लिए एक साझा प्रतिबद्धता में मजबूती से टिकी हुई है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी बैठक रही जहां गर्मजोशी और सौहार्द की विशेषता देखने को मिली. 

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भारत कई बार रह चुका है सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य
बता दें कि भारत साल 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 के दौरान 7 बार सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य रह चुका है. 2011-2012 में भी भारत सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है. बता दें कि UNSC में 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 10 अस्थायी और पांच स्थायी सदस्य होते हैं. 193 सदस्यीय UNSC हर साल संयुक्त राष्ट्र में दो साल के कार्यकाल के लिए पांच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाव करने के लिए चुनाव कराता है. इसके अलावा, परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, यूके और यूएस है.

मोदी और बाइडेन के बीच कई मुद्दों पर हुई बातचीत
पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार को अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान दोनों नेताओं ने इंडो-पेसिफिक में व्यापार, कोविड -19, जलवायु परिवर्तन और स्थिरता से संबंधित संबंधों और मुद्दों में प्रगति पर चर्चा की. व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण था और भारत और अमेरिका के बीच और भी मजबूत दोस्ती के लिए बीज बोए गए हैं. बैठक के बाद, मोदी ने कहा कि महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर बाइडेन का नेतृत्व सराहनीय है और भारत और अमेरिका कोविड -19 और जलवायु परिवर्तन जैसी प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे.