New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/11/11/donaldtrump-76.jpg)
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इस सप्ताह तुर्की के नेता से मुलाकात करेंगे और रूस की रक्षा प्रणाली खरीदने के तुर्की के निर्णय पर उनसे दो टूक बातचीत करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)( Photo Credit : फाइल फोटो)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इस सप्ताह तुर्की के नेता से मुलाकात करेंगे और रूस की रक्षा प्रणाली खरीदने के तुर्की के निर्णय पर उनसे दो टूक बातचीत करेंगे. ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने रविवार को कहा कि रूसी रक्षा प्रणाली एस-400 खरीदने के तुर्की के फैसले से अमेरिका अब भी ‘बेहद खफा’ है. अमेरिका ने कहा कि यह रक्षा प्रणाली नाटो बलों के अनुकूल नहीं है और इससे एफ-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है साथ ही यह रूस के खुफिया विभाग को मदद पहुंचा सकता है.
यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Rate Today: दिल्ली में पेट्रोल हुआ महंगा, डीजल में आई गिरावट, फटाफट चेक करें नए रेट
जुलाई में तुर्की को अमेरिका ने एफ-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया था
गौरतलब है कि अमेरिका ने जुलाई में तुर्की को एफ-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया था. ओ ब्रायन ने सीबीएस ‘फेस द नेशन’ में कहा, ‘‘अगर तुर्की रूस की रक्षा प्रणाली को नहीं छोड़ता तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप का बुधवार को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ और गुरुवार को नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है.
यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: आज किस ओर जाएंगे सोने-चांदी के भाव, जानें एक्सपर्ट्स की बेहतरीन ट्रेडिंग टिप्स
ट्रंप और एर्दोआन बुधवार दोपहर एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करेंगे. ओ ब्रायन ने कहा कि एस -400 के लिए नाटो में कोई जगह नहीं है. अहम रूसी सैन्य खरीद के लिए नाटो में कोई जगह नहीं है और जब वह यहां वाशिंगटन में होंगे तो राष्ट्रपति उनसे स्पष्ट तौर पर यह बात कहेंगे. सुरक्षा सलाहकार ने हालांकि कहा कि अमेरिका तुर्की को नाटो में रखने के लिए वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है. गौरतलब है कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ अमेरिका के साथ लड़ाई लड़ रहे कुर्द बलों पर हमले के लिए तुर्की की चौतरफा आलोचना हुई है. वहीं, इन हमलों के पहले अमेरिकी सेनाओं को हटाने के लिए ट्रंप की भी आलोचना हुई है लेकिन ओ ब्रायन ने कहा कि उनके इस कदम ने सीरिया में एर्दोआन के हमले का रास्ता साफ नहीं किया.