अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump) ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को संबोधित किया. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कई मुद्दे पर बोलते हुए ईरान से दुनिया को खतरा बताया. उन्होंने कहा कि ईरान आतंकवाद में दुनिया का नंबर एक देश है, सऊदी के तेल ठिकाने पर हमले में भी ईरान शामिल रहा है. अमेरिका ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि हर किसी को अपनी सीमा की रक्षा करने का हक है.
इससे पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump) ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर को लेकर मध्यस्थता की बात कही. ट्रंप ने एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश की है.
इसे भी पढ़ें:अयोध्या मामला: राम चबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने में हर्ज नहीं- मुस्लिम पक्ष
उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार खत्म करने होंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमारे कई दुश्मन अब दोस्त में बदल चुके हैं. अमेरिका शांति चाहता है. इसके साथ उत्तर कोरिया को लेकर कहा कि उत्तर कोरिया से बातचीत हो रही है. उन्हें परमाणु हथियार खत्म करने होंगे.
माइग्रेशन को लेकर ट्रंप ने जताया चिंता
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अवैध प्रवासी हमारे लिए बड़ी चुनौती हैं. बड़े स्तर पर माइग्रेशन खतरनाक है. माइग्रेशन से अपनी सीमाओं की रक्षा करने का हर देश को अधिकार है, मानव तस्करी एक बड़ी समस्या है.
वेनेजुएला पर साधा निशाना
ट्रंप ने वेनेजुएला पर वार करते हुए कहा कि वेनेजुएला में एक भ्रष्ट वामपंथी सरकार है, क्यूबा राष्ट्रपति मदुरो की मदद कर रहा है. वेनेजुएला में आर्थिक संकट का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह महिलाओं को भोजन तक के लिए घंटों लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है.अमेरिका वेनेजुएला के लोगों के साथ खड़ा है.
ट्रंप ने आगे कहा कि सोशलिज्म और कम्युनिज्म से गरीबी खत्म नहीं की जा सकती है और यह सिर्फ एक वर्ग के लिए सत्ता का जरिया है. अमेरिका कभी सोशलिस्ट देश नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बीती एक सदी में सोशलिज्म और कम्युनिज्म के चलते 10 करोड़ लोग मारे गए हैं.
चीन के चलते अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी
चीन के साथ व्यापारिक असंतुलन पर निशाना साधते हुए ट्रंप ने कहा कि 2001 में चीन विश्व व्यापार संगठन से जुड़ा था और तब उन्होंने उदारीकरण की बात की थी, लेकिन बीते दो दशकों में इसका उल्टा हुआ. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आउटसोर्सिंग के चलते लाखों लोगों को अमेरिका में नौकरियां गंवानी पड़ी हैं. उन्होंने कहा, '2001 में चीन WTO में शामिल हुआ था. चीन ने तब उदारीकरण की बात कही थी, लेकिन दो दशक बाद यह बात गलत साबित हुई है.'
और पढ़ें:धोनी की गैर-मौजदूगी में इस खिलाड़ी को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी, विराट ने दिया बड़ा बयान
इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन टेक्नॉलजी को चीन में बैन किए जाने का भी मुद्दा उठाया. चीन के चलते अमेरिका में 60,000 कंपनियां बंद हुईं.
यूएन में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैं भारत और पाकिस्तान की मदद करना चाहता हूं. मुझे लगता है कि एक हद तक वे मेरी सहायता लेंगे. लेकिन दोनों देशों को इस बात के लिए राजी होना होगा. दोनों देशों के विचार इस मामले को लेकर अलग-अलग हैं. मुझे इस बात की चिंता है.