अमेरिका स्थित यूएसए इंडिया चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स (USAIC) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए दक्षेस देशों के साथ बनाई गई पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कार्य योजना की प्रशंसा की है. समूह ने कहा कि ऐहतियाती कदम उठाने को लेकर बनाई गई यह रणनीति इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए एक शानदार पहल है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दक्षेस देशों के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोविड-19 आपात कोष बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसके लिए शुरुआत में भारत ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर देने की पेशकश की है. मोदी ने जोर देकर कहा कि महामारी से निपटने का सबसे अच्छा तरीका एक साथ आना होगा. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य ममलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा शामिल हुए.
इसके बाद यूएसए इंडिया चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) के करुण रिषी ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के लिए दक्षेस नेताओं के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के विचार और उनकी कार्य योजना प्रशंसनीय है. ऐहतियाती कदम उठाने को लेकर बनाई गई यह रणनीति इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए एक शानदार पहल है. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस अबतक 135 देशों और क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले चुका है. इससे अबतक 6500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 169,000 लोग संक्रमित हैं.
भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों ने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के ट्रंप प्रशासन के तरीके की प्रशंसा की
वहीं, अमेरिका में प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी चिकित्सा समुदाय ने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कदमों की सराहना की है. अमेरिका में वायरस के चलते 69 लोगों की जान चली गई है और 3,700 से अधिक लोग संक्रमित हैं. अमेरिकी-भारत संबंधों के समर्थक अल मासोन के जरिए एक बयान में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजन (एएपीआई) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति से सक्रियता से निपटने का ट्रंप प्रशासन का तरीका सराहनीय है.
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अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों की तादाद 1,00,000 के करीब है. ग्लोबल रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट, एजुकेशनल एंड हॉस्पिटल के सलाहकार मासोन ने बताया कि संकट के मद्देनजर बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक हर वक्त काम कर रहे हैं. डॉक्टर कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस टास्क फोर्स ने बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तथा और अधिक बुरी स्थिति से बचने के लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया है.
प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित डॉ कुमार ने कहा कि सीमाओं को बंद करना, यात्रा प्रतिबंध एवं अन्य पाबंदियों के साथ ही राष्ट्रीय आपदा की घोषणा तक सबकुछ उचित ढंग से किया गया. ह्यूस्टन के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. फ्रीमू वर्गीस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन बहुत प्रभावी तरीके से कोरोना वायरस से निपट रहा है. साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि राष्ट्रीय आपदा जैसी घोषणा, देश भर में जांच किट उपलब्ध कराना और टीके एवं ड्रग थेरेपी विकसित करना लोक स्वास्थ्य की इस चुनौती से सफलतापूर्वक निपटेगा.