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अलकायदा का मुखिया अल जवाहिरी मारा गया, US ड्रोन स्ट्राइक में हुआ ढेर, बाइडेन बोले-न्याय मिला

अल जवाहिरी अलकायदा की कमान लंबे समय से संभाल रहा था. वो बिन ओसामा लादेन के बाद अलकायदा लीडरशिप में शुरुआत से ही नंबर दो रहा था और लादेन के ढेर होने के बाद से वो इस वैश्विक आतंकी गुट की कमान संभाल रहा था. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति...

Updated on: 02 Aug 2022, 06:59 AM

highlights

  • अलकायदा का मुखिया अमेरिकी ड्रोन हमले में ढेर
  • काबुल में छिपा बैठा था कायर, अब दुनिया से हुआ रुखसत
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया ऐलान-आतंकवाद के विरुद्ध जंग रहेगा जारी

नई दिल्ली:

वैश्विक आतंकवादी समूह नेतृत्व विहीन हो गया है. उसका सबसे बड़ा लीडर अयमान अल-जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले (Ayman al-Zawahiri Killed in US Drone attack) में ढेर हो गया है. खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसका ऐलान किया. अल जवाहिरी अलकायदा की कमान लंबे समय से संभाल रहा था. वो बिन ओसामा लादेन के बाद अलकायदा लीडरशिप में शामिल होने के बाद से ही नंबर दो रहा था और लादेन के ढेर होने के बाद से वो इस वैश्विक आतंकी गुट की कमान संभाल रहा था. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा, 'न्याय पूरा हुआ'. ये पूरा ऑपरेशन सीआईए की स्पेशल ऑपरेशन टीम ने अंजाम दिया, जो सालों से जवाहिरी को ढूंढकर मारने के टारगेट पर काम कर रही थी.

तालिबान ने बताया दोहा समझौते का उल्लंघन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा- हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है. अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे. हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की. जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था. वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है.

साल 2011 में ओसामा को US ने किया था ढेर

अमेरिका ने अल कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए लंबा अभियान चलाया था और 2 मई 2011 को पाकिस्तान में घुसकर अमेरिका की नेवी सील कमांडो ने उसे मार गिराया था. इस बार अल जवाहिरी को मारने में भले इतना समय लग गया हो, लेकिन अमेरिका अभी तक अफगानिस्तान में अपने ऑपरेशंस चला रहा है. यही वजह है कि दूसरे देशों ने अफगानिस्तान से अपना सबकुछ वापस बुला लिया था, लेकिन अमेरिकी दूतावास और उसके अधिकारी लगातार सक्रिय थे. 

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बता दें कि अल जवाहिरी भारत में भी आतंकवाद को मजबूत करने में लगा था, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के बेहतर समन्वय और खुफिया एजेंसियों की अनथक कार्रवाई के चलते वो ऐसा करने में विफल रहा. उसने भारत के मुसलमानों से भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, खासकर असम में बेहतर तैयारी के निर्देश दिये थे. जिसके बाद ताबड़तोड़ आतंकवाद निरोधक कार्रवाई चली थी.