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समझौते के तहत इज़रायल को मिलेगा 38 अरब डॉलर, अरब देशों की उड़ सकती है नींद

अमेरिका और इज़रायल के बीच अब तक का सबसे बड़ा समझौता हुआ है। समझौते के तहत अमेरिका अगले 10 सालों में इजरायली मिलिटरी को 38 अरब डॉलर मुहैया कराएगा।

Updated on: 15 Sep 2016, 05:32 AM

वाशिंगटन:

अमेरिका और इज़रायल के बीच अब तक का सबसे बड़ा समझौता हुआ है। समझौते के तहत अमेरिका अगले 10 सालों में इजरायली मिलिटरी को 38 अरब डॉलर मुहैया कराएगा। अमेरिका ने इतनी बड़ी रकम किसी भी देश को मिलिटरी मदद के रूप में अब तक नहीं दी है।

दोनों देश के बीच इस करार को लेकर पिछले कई महीनों से बातचीत चल रही थी। बुधवार को हुए इस समझौते के बाद अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि दोनों देश 10 साल के समझौते पर पहुंचने में कामयाब रहे। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि इज़रायल और वहां के लोगों की सुरक्षा के मद्देनज़र ये करार किया गया है।

हालांकि दोनों ही देशों ने वास्तविक रकम का खुलासा नहीं किया है लेकिन इस समझौते से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इज़रायल को अमेरिका एक साल में 3.8 बिलियन डॉलर देगा। इसके बाद वह प्रत्येक वर्ष 10 सालों तक 3.1 बिलियन डॉलर मुहैया कराएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नैशनल सिक्यॉरिटी एडवाइजर सुजेन राइस ने इस समझौते में अहम भूमिका निभाई है।

इजरायल के ऐक्टिंग नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर जैकब नाजेल भी वॉशिंगटन में हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर इस समझौते की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने इस मामले में और जानकारी नहीं दी। इस समझौते के तहत इजरायल फंड के कुछ हिस्से को मिलिटरी प्रॉडक्ट्स पर खर्च करेगा। इजरायल अपनी मिलिटरी को नई तकनीक से जोड़ेगा। अंततः सारी रकम अमेरिकन मिलिटरी इंडस्ट्रीज पर खर्च होगा। फंड के कुछ हिस्से को इजरायल आंतरिक रूप से भी खर्च करेगा।

नए समझौते के तहत फंड के एक हिस्से को मिलिटरी इंधन पर खर्च करने की इजरायल की सामर्थ्य भी खत्म होगी। एक और रियायत दी गई है कि इजरायल कांग्रेस से और फंड अप्रूव कराने को नहीं कहेगा। यह स्थिति तब तक कायम रहेगी जब तक इजरायल किसी नए युद्ध का सामना नहीं कर रहा हो।
इस समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच महीनों से बातचीत चल रही थी, मामला फंड के खर्च को लेकर अटका हुआ था। लेकिन उसे सुलझा लिया गया है।

यूएस-इजरायल डील में पहली बार मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम्स को भी शामिल किया गया है। पहले के समझौते के तहत अमेरिकी कांग्रेस ने मिसाइल प्रोग्राम के लिए अलग से फंड की मंजूरी दी थी और यह सालाना आधार पर था।

इजरायल समर्थक सबसे बड़ा लॉबीइंग ग्रुप इजरायल अफेयर्स कमिटी ने इस डील को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ओबामा की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इजरायल के दुश्मनों के लिए यह कड़ा संदेश है। इस ग्रुप ने कहा कि इस फंड से इजरायल आपने आर्म्ड फोर्सेज को और अत्याधुनिक बना सकेगा।