ईराक से तल्खी के बाद बोले ट्रंप, हमें मिडिल ईस्ट देशों का तेल नहीं चाहिए

अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे घातक और संगठित सेना है. हमारे पास सबसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हथियार हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम उनका इस्तेमाल करें ही.

अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे घातक और संगठित सेना है. हमारे पास सबसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हथियार हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम उनका इस्तेमाल करें ही.

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Ravindra Singh
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ईराक से तल्खी के बाद बोले ट्रंप, हमें मिडिल ईस्ट देशों का तेल नहीं चाहिए

डोनाल्ड ट्रंप( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

अमेरिका के राष्ट्र पति डोनाल्ड ट्रंप ने ईराक से तल्खी के बाद नाटो देशों से अपील की है कि वे मिडिल ईस्ट देशों में अपना दखल बढ़ाएं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि 'अब हम ऑयल-नेचुरल गैस के सबसे बड़े उत्पादक हैं और आत्मनिर्भर हैं हमें अब मिडिल ईस्ट देशों का तेल नहीं चाहिए.' ट्रंप ने आगे कहा कि 'अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे घातक और संगठित सेना है. हमारे पास सबसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हथियार हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम उनका इस्तेमाल करें ही. 

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ट्रंप ने आतंकी बगदादी और सुलेमानी के मारे जाने को लेकर कहा कि, हमने सिर्फ सुलेमानी ही नहीं ISIS के लीडर अल बगदादी का भी सफाया किया है.' यूएस प्रेसीडेंट ने आगे कहा कि 'ISIS ईरान का भी दुश्मन था लेकिन अमेरिका ने उसे मारने में जरा भी संकोच नहीं किया, इसके लिए ईरानी नेतृत्व को अमेरिका को शुक्रिया अदा करना चाहिए.'

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जिस तरह से ईरान ने अपने कमांडर सुलेमानी की मौत के बाद अपनी सबसे बड़ी मस्जिद पर लाल झंडा फहराया था उससे ये बात तो साफ हो गई थी कि, ईरान अमेरिका से बदला लेकर रहेगा. ईरान ने मंगलवार की रात ईराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागीं. ईरान का दावा है कि उसके हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को नेशन को संबोधित करते हुए इस बात से इनकार कर दिया है. ट्रंप ने ईरान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस हमले में एक भी अमेरिकी सैनिक नहीं मारा गया है. 

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Source : News Nation Bureau

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