अमेरिका को परमाणु समझौते पर पहुंचने की जल्दी है : ईरान विदेश मंत्री

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि उनके देश को अमेरिका से एक संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि परमाणु समझौते पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लें.  आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया, अर्मेनियाई राजधानी येरेवन में अब्दुल्लाहियन ने कहा, तीन दिन पहले, हमें अमेरिका से एक संदेश मिला और उनसे कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा) एजेंसी (आईएईए) के आरोपों को किसी भी समझौते से पहले हल किया जाना चाहिए.

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि उनके देश को अमेरिका से एक संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि परमाणु समझौते पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लें.  आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया, अर्मेनियाई राजधानी येरेवन में अब्दुल्लाहियन ने कहा, तीन दिन पहले, हमें अमेरिका से एक संदेश मिला और उनसे कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा) एजेंसी (आईएईए) के आरोपों को किसी भी समझौते से पहले हल किया जाना चाहिए.

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Iranian Foreign minister

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि उनके देश को अमेरिका से एक संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि परमाणु समझौते पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लें.  आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया, अर्मेनियाई राजधानी येरेवन में अब्दुल्लाहियन ने कहा, तीन दिन पहले, हमें अमेरिका से एक संदेश मिला और उनसे कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा) एजेंसी (आईएईए) के आरोपों को किसी भी समझौते से पहले हल किया जाना चाहिए.

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समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु वार्ता के अमेरिकी एजेंडे से बाहर होने के बारे में अमेरिकी अधिकारियों की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, अमेरिकी अपने शब्दों और व्यवहार में विरोधाभासी हैं, क्योंकि वे अपने (हालिया) संदेश में समझौते तक पहुंचने की जल्दी में हैं.

जहां अमेरिका ईरान के साथ संदेशों का आदान-प्रदान कर रहा है, वे (ईरान पर) राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव डालना चाहते हैं और वार्ता में रियायतें हासिल करना चाहते हैं. हमने अमेरिकी पक्ष को कोई रियायत नहीं दिया है, और हम तर्क के ढांचे और एक समझौते के ढांचे के भीतर चलते हैं जो ईरान के इस्लामी गणराज्य की रेड लाइन का सम्मान करता है, लेकिन साथ ही हम बातचीत की मेज को कभी नहीं छोड़ते हैं.;;

ईरान ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है. जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ, देश पर प्रतिबंध हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए सहमत हुए. हालांकि, वाशिंगटन ने समझौते को रद्द कर दिया और तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए. जेसीपीओए के पुनरुद्धार पर बातचीत अप्रैल 2021 में ऑस्ट्रिया के विएना में शुरू हुई थी. अगस्त की शुरूआत में वियना वार्ता के नवीनतम दौर के बाद कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी.

Source : IANS

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